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अनिल देशमुख पर कसते शिकंजे से महाविकास आघाड़ी सरकार की चिंता बढ़ी

शरद पवार एवं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी जानते हैं कि देशमुख का अधिक समय तक बच पाना मुश्किल होगा। ये दोनों वरिष्ठ नेता यह भी जानते हैं कि महाविकास आघाड़ी सरकार में गृहमंत्री जैसे महत्त्वपूर्ण पद पर रहे देशमुख की गिरफ्तारी हुई तो इसका संदेश अच्छा नहीं जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 11:42 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 11:42 PM (IST)
अनिल देशमुख पर कसते शिकंजे से महाविकास आघाड़ी सरकार की चिंता बढ़ी
शरद पवार एवं राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे देशमुख

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर कसते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं सीबीआई के शिकंजे ने महाविकास आघाड़ी सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। आघाड़ी में शामिल दलों के वरिष्ठ नेता इन दिनों बैठकें करते दिखाई दे रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार की शाम राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने मुख्यमंत्री आवास पर जाकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ लंबी चर्चा की।

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अनिल देशमुख पर लगा है वसूली का आरोप

अनिल देशमुख पर पद पर रहते हुए पुलिस अधिकारियों से हफ्तावसूली करवाने का आरोप लगा है। इसके अलावा ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का आरोप भी उनपर लग रहा है। इन आरोपों की जांच सीबीआई पहले से कर रही है। अब मुंबई के कई बार मालिकों से कई करोड़ रुपए वसूले जाने एवं हवाला के जरिए उन्हें फर्जी कंपनियों को पहुंचाने तथा फर्जी कंपनियों से दान के रूप में यही पैसा वापस अपने ट्रस्ट में मंगवाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय उन पर धन शोधन अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की भूमिका बना रहा है।

दो सहयोगी हो चुके हैं गिरफ्तार

देशमुख के दो सहयोगी इसी मामले में सहयोग करने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं। अनिल देशमुख अभी तक ईडी के सामने जाने से बचते आ रहे हैं, लेकिन उनके साथ-साथ उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार एवं राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी जानते हैं कि देशमुख का अधिक समय तक बच पाना मुश्किल होगा। ये दोनों वरिष्ठ नेता यह भी जानते हैं कि महाविकास आघाड़ी सरकार में गृहमंत्री जैसे महत्त्वपूर्ण पद पर रहे देशमुख की गिरफ्तारी हुई, तो इसका संदेश अच्छा नहीं जाएगा। विपक्षी दल भाजपा इस भ्रष्टाचार का ठीकरा पूरी उद्धव सरकार पर फोड़कर वर्तमान सरकार को तो अस्थिर करने का प्रयास करेगा ही, आनेवाले हर चुनाव में यह कलंक महाविकास आघाड़ी पर भारी पड़ेगा।

महाविकास आघाड़ी के नेताओं की लगातार बैठकें

संभवतः यही चिंता इन नेताओं को लगातार बैठकें करने पर बाध्य कर रही है। सोमवार को संजय राऊत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने उनके सरकारी निवास वर्षा पहुंचे। वहां मुख्यमंत्री से उनकी करीब दो घंटे लंबी वार्ता चली। वहां से निकलकर राऊत शरद पवार के घर सिल्वर ओक गए। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या आप मुख्यमंत्री का कोई संदेश लेकर पवार के पास गए थे ? इस पर राऊत का जवाब था कि यह मैं आपको क्यों बताऊं कि कोई संदेश है कि नहीं ? यह बात मैं पवार साहब को बताऊंगा। लेकिन राऊत यह कहना नहीं भूले कि पवार पहले ही कह चुके हैं कि शिवसेना, कांग्रेस एवं राकांपा की महाविकास आघाड़ी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

कार्रवाई होने के बाद परिस्थिति के लिए बन रही रणनीति

बता दें कि संजय राऊत इसके एक दिन पहले भी शरद पवार से मिल चुके थे। इन मुलाकातों के अगले दिन, यानी मंगलवार की शाम शरद पवार खुद मुख्यमंत्री उद्धव से मिलने उनके सरकारी आवास जा पहुंचे। वहां इन दोनों नेताओं की एक लंबी बैठक चली। लेकिन इनकी बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री निवास पर ही गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल, राकांपा कोटे से राज्य सरकार में मंत्री जीतेंद्र आह्वाड, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे एवं मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले की भी एक बैठक संपन्न हो चुकी थी। माना जा रहा है कि बैठकों की इस श्रृंखला में अनिल देशमुख पर कोई सख्त कार्रवाई होने के बाद की परिस्थिति के लिए रणनीति तैयार की जा रही है।


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