करतारपुर कारीडोर का पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ कर सकती है भारत विरोधी इस्तेमाल
पाकिस्तान के साथ होने वाली पहली वार्ता में ही भारत इस बात को बेहद गंभीरता से उठाएगा कि करतारपुर कारीडोर में किसी तरह का प्रोपगंडा नहीं होनी चाहिए।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। करतारपुर कारीडोर निर्माण को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बहुप्रतीक्षित बैठक अटारी में गुरुवार को होने जा रही है। विदेश मंत्रालय के अगुवाई में भारतीय दल बैठक की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। पाकिस्तान की तरफ से जिस तरह से इस कारीडोर के निर्माण को लेकर तेजी दिखाई जा रही है उसे देखते हुए पूरी उम्मीद है कि अक्टूबर, 2019 तक यह तैयार हो जाएगा। लेकिन भारत की सबसे बड़ी चिंंता यही है कि इस कारीडोर को पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आइएसआइ की बुरी नजर से किस तरह से बचाया जाए। पाकिस्तान के साथ होने वाली पहली वार्ता में ही भारत इस बात को बेहद गंभीरता से उठाएगा कि करतारपुर कारीडोर में किसी तरह का प्रोपगंडा नहीं होनी चाहिए।
इस बैठक की तैयारियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भारत बगैर किसी लाग लपेट के अपनी बात स्पष्ट तौर पर कहेगा कि इस कारीडोर से आने जाने वाले सिख तीर्थयात्रियों को खालिस्तानी प्रोपगंडा से प्रभावित करने की कोई कोशिश नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा होता है तो भारत उचित कदम उठाने से नहीं हिचकेगा। वैसे यह नहीं बताया गया है कि यह उचित कदम क्या होगा। भारत को हाल तक यह सूचना मिलती रही है कि पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब में जगह-जगह खालिस्तानी समर्थक पोस्टर लगे हुए हैैं और कनाडा, ब्रिटेन के खालिस्तान समर्थन वहां जाने वाले सिख तीर्थयात्रियों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैैं। भारत कूटनीतिक चैनल के जरिए इसका कई बार विरोध कर चुका है।
भारत की चिंता की वजह यह भी है कि एक बार कारीडोर तैयार होने के बाद पाकिस्तान आने जाने वालों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होगी और यह आवागमन सालों तक रहेगा। अभी वीजा आदि की दिक्कतों की वजह से सिर्फ त्योहारों आदि के समय ही ज्यादा तीर्थयात्रियों को वहां जाने का मौका मिलता है। लेकिन कारीडोर बनने के बाद भारत की तैयारी है कि 5,000 लोगों को एक साथ वहां आने जाने की सुविधा हो। सूत्रों के मुताबिक बुनियादी सुविधाएं इस तरह से तैयार की जा रही हैं कि जरुरत पड़ने पर 10 हजार श्रद्धालुओं को भी वहां आने जाने में कोई दिक्कत नहीं हो। कारीडोर का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा।
गुरुवार को भारत व पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच पहली बातचीत होगी। इस वार्ता में कई मुद्दों पर फैसला होने के आसार हैं। जैसे तीर्थयात्रियों को बगैर वीजा के ही आने जाने दिया जाए। वीजा ले कर जाने वाले यात्रियों को करतारपुर गुरुद्वारा से आगे भी जाने दिया जाए। भारत ने साफ किया है कि वह पहली बैठक में पाकिस्तान के रवैये के आकलन के बाद ही यह फैसला करेगा कि दूसरी बैठक में उसे हिस्सा लेना हैैं या नहीं।