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ऑपरेशन स्‍माइल में 466 नाबालिग लड़कियों समेत रेस्‍क्‍यू किए गए 2119 मासूम बच्‍चे

राज्य भर में रेलवे और बस स्टेशनों, धार्मिक स्थलों, ट्रैफिक जंक्शनों और फुटपाथों पर जनवरी में लॉन्च किए गए ऑपरेशन स्माइल के पांचवें चरण के दौरान 466 लड़कियों सहित 2,119 बच्चों को बचाया गया।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 10:47 AM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 10:50 AM (IST)
ऑपरेशन स्‍माइल में 466 नाबालिग लड़कियों समेत रेस्‍क्‍यू किए गए 2119 मासूम बच्‍चे

हैदराबाद, एएनआइ। देश में हजारों मासूम बच्‍चे ऐसे हैं, जिनका बचपन बाल मजदूरी और अन्‍य अवैध व्‍यवसाय में फंसकर बर्बाद हो रहा है। तेलंगाना से ऐसे ही 2119 मासूम बच्‍चों को बचाया गया है। इन सभी बच्‍चों को स्‍माइल ऑपरेशन के पांचवें फेस के तहत रेस्‍क्‍यू किया गया है, जिसे जनवरी में चलाया गया। पूरे तेलंगाना में चलाए गए इस अभियान में रेस्‍क्‍यू किए गए बच्‍चों में 466 नाबालिग लड़कियां शामिल हैं।

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राज्य भर में रेलवे और बस स्टेशनों, धार्मिक स्थलों, ट्रैफिक जंक्शनों और फुटपाथों पर जनवरी में लॉन्च किए गए ऑपरेशन स्माइल के पांचवें चरण के दौरान 466 लड़कियों सहित 2,119 बच्चों को बचाया गया। बचाए गए बच्‍चों के लॉट में से 274 लड़कियों सहित 1,303 बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों को सौंप दिया गया है। आईजी (लॉ एंड ऑर्डर और प्रभारी महिला सुरक्षा विंग) स्वाति लकड़ा ने कहा कि लगभग 816 बच्चों को रेस्‍क्‍यू होम में भर्ती कराया गया है और उनके माता-पिता का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।

उन्होंने कहा कि स्‍माइल ऑपरेशन के तहत 763 ऐसे बच्चों को भी बचाया गया, जो अन्य राज्यों के हैं। इनमें 535 बच्चों को सड़कों पर घूमते हुए रेस्‍क्‍यू किया गया। इस दौरान कारखानों में बंधुआ मजदूर के रूप में काम करने वाले 340 से अधिक बच्चों, ईंट भट्टों पर काम करने वाले 119 और भिक्षा मांगने वाले 51 बच्चों को बचाया गया।

बता दें कि बच्‍चों को जिन कारखानों और कंपनियां से रेस्‍क्‍यू किया गया, उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), जुवेनाइल जस्टिस एक्ट-2015, बॉन्डेड लेबर सिस्टम (उन्मूलन) अधिनियम-1976 और बाल श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम-2016 की विभिन्न धाराओं के तहत 68 मामले दर्ज किए गए है।


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