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अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरणा ले आगे बढ़ें युवा : योगी

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍य नाथ गोरखपुर में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रथम मासिक पुण्यतिथि पर आयोजित काव्‍यांजलि कार्यक्रम में बोल रहे थे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 02:41 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 05:23 PM (IST)
अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरणा ले आगे बढ़ें युवा : योगी

गोरखपुर (जेएनएन)। 'छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता' पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की इन पंक्तियों से प्रेरणा लेेकर युवाओं को विकास के पथ पर आगे बढऩे की सलाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है। मुख्यमंत्री रविवार को अटल बिहारी वाजपेयी के प्रथम मासिक पुण्यतिथि के अवसर पर रैंपस स्कूल में आयोजित काव्यांजलि समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते एक दशक से अटल जी स्वास्थ्य कारणों से सार्वजनिक जीवन में नहीं थे, बावजूद इसके उनके निधन ने सभी का स्तब्ध कर दिया, दुख से भर से दिया। वह तो दुखी हुए ही, जिन्होंने उन्हें देखा और सुना था, वह भी दुखी हुए जो उन्हें नहीं देख सके थे। खासकर नई पीढ़ी जिसका जन्म ही अटल जी के सार्वजनिक जीवन से सन्यास लेने के करीब या उसके बाद हुआ था। उन्होंने नई पीढ़ी से अपील की कि वह अटल जी के व्यक्तित्व व कृतित्व से प्रेरणा लेकर खुद को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करें।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी का जीवन राष्ट्र को समर्पित था। यही वजह थी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ वह हर वर्ग को बिना किसी भेदभाव के देने न केवल पक्षधर थे बल्कि अपने नेतृत्व काल में उन्होंने ऐसा किया भी। यही वजह है कि उनके जाने से केवल एक दल या वर्ग नहीं अपितु समूचा राष्ट्र शोक में डूब गया। यह सब उनके विराट व्यक्तित्व का परिचायक है। ऐसे विराट व्यक्तित्व को पाने के लिए कठिन साधना करनी पड़ती है। अटल जी कवि हृदय व्यक्ति थे, इसलिए संवेदनाओं का उनमें विशाल भंडार था।

संवेदनात्मक व्यक्तित्व होने की वजह से ही उनका कवि हृदय प्रत्येक व्यक्ति के लिए सोचता था। कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद संवादाताओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के 403 और देश के 4500 स्थानों पर अटल जी की पहली मासिक पुण्यतिथि पर काव्यांजलि कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। अटल जी चूंकि राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक संजीदा कवि भी थे, इसलिए काव्यांजलि के माध्यम से उन्हें साहित्यिक श्रद्धांजलि अर्पित करने का निर्णय लिया गया।

कार्यक्रम और कवियों की रचनाओं को सराहा
काव्यांजलि कार्यक्रम के दौरान कवियों के काव्यपाठ को सुनकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भावुक हो उठे। अपने संबोधन में उन्होंने कवियों की भावपूर्ण रचनाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की साथ कार्यक्रम के बेहतरीन आयोजन के लिए आयोजकों की भी पीठ थप-थपाई। अपने भावुक संबोधन में मुख्यमंत्री ने यह कहकर कार्यक्रम का मान और बढ़ा दिया कि यह आयोजन लखनऊ में अटल जी की याद में आयोजित उस आयोजन से ज्यादा भावपूर्ण और प्रभावी था, जिसमें फिल्म जगत के पेशेवर गायकों, लेखकों और गीतकारों ने हिस्सा लिया था।

'अटल नहीं कोई यहां पर, मानव हो या संत'
गोरखपुर : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रथम मासिक पुण्यतिथि पर रविवार को भाजपा की ओर से महानगर के शाहपुर स्थित रैंपस स्कूल में अटल स्मृति काव्यांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में आयोजित इस कार्यक्रम में शहर के कवियों ने अटल जी की कविताओं के साथ-साथ उनसे जुड़ी खुद की रचनाओं का पाठ किया और उन्हें साहित्यिक श्रद्धांजलि दी।
काव्यांजलि का संचालन करते हुए कवि राजेश राज ने 'अटल नहीं यहां कोई यहां, मानव हो या संत, पंछी पिंजरा छोड़कर कह उड़ चला अनंत ' सुनाकर पूर्व प्रधानमंत्री के विराट व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। खुर्शीद आलम कुरैशी की रचना 'कौन कहता है मर गया है अटल, बनके खुशबू बिखर गया है अटल ' ने माहौल में अटल की यादों की खुशबू बिखेर दी। अटल की कविता 'कदम मिलाकर चलना होगा ' को याद करते हुए डॉ. रंजना वर्मा 'रैन' ने जब 'कदम मिलाकर साथ चलेंगे, बाधाओं से हम नहीं डरेंगे ' पढ़ा तो लोगों में जोश भर गया। 'वो दूर गगन पर चमक रहा, धरती का अटल सितारा है ' सुनाकर केशव पाठक 'सृजन ' ने माहौल को भावुक कर दिया तो डॉ. चारुशीला सिंह ने 'शब्दकोश में मेरे ऐसे शब्द नहीं, जिससे गढ़ दूं मैं दुर्लभ व्यक्तित्व को ' से अटल की विराट शख्सियत का अहसास कराया। कवि नरसिंह बहादुर चन्द ने 'फिर कैसा आराम, मित्र मत बोलो अभी विराम ' सुनाकर अटल जी को याद किया। आरडीएन श्रीवास्तव ने 'कहने को तो दुनिया में सबकुछ नश्वर है, पर जो शाश्वत है हम उसको पा जाते हैं ' से अटल के आर्दशों को आत्मसात करने का संदेश दिया। कवयित्री चेतना पांडेय ने 'इतना आसान नहीं अटल होना, रह के कीचड़ में कमल होना ' सुनाकर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी। अर्चना मालवीय ने राग मालकोस पर अटल की जी कविता 'हिंदू तन-मन हिंदू जीवन ' का सस्वर पाठ किया तो 'अरमानों को ढलना होगा, कदम मिलाकर चलना होगा' का प्राची राज और 'गीत नहीं गाता हूं ' का माही शर्मा ने पाठ कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में उपस्थित लोगों को स्क्रीन पर अटल जी द्वारा कविता पाठ की रिकार्डिंग दिखाई गई, जिससे माहौल अटलमय हो गया। समूचे आयोजन का संचालन रीता श्रीवास्तव ने किया। आंगतुकों का स्वागत नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल और आभार ज्ञापन भाजपा महानगर अध्यक्ष राहुल श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ल, क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, गोरखपुर ग्रामीण विधायक विपिन सिंह, एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र सिन्हा, विश्वजीताशु सिंह आशु, रंजना गुप्ता आदि मौजूद रहीं।


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