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कर्ज में दबे मालदीव को भारत देगा आर्थिक मदद, शाहिद व सुषमा ने की कई आयामों पर चर्चा

अगले महीने राष्ट्रपति सोलिह के आने के साथ ही दोनो देशों के बीच रक्षा सहयोग वार्ता शुरु करने की भी सहमति बन गई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 10:07 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 12:34 AM (IST)
कर्ज में दबे मालदीव को भारत देगा आर्थिक मदद, शाहिद व सुषमा ने की कई आयामों पर चर्चा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के कर्ज में दबे मालदीव के लिए भारत कुछ विशेष आर्थिक मदद का ऐलान कर सकता है। मालदीव की नई सरकार के विदेश मंत्री अबदुल्ला शाहिद की अगुवाई में भारत आये उनके सहयोगियों के दल के साथ बातचीत की गई है। विदेश मंत्री के साथ मालदीव के वित्त मंत्री इब्राहिम अमीर, आर्थिक विकास मंत्री फय्याज इस्माइल समेत कुछ अन्य आला अधिकारी भारत की तीन दिनो की यात्रा पर आये हैं। इस बातचीत में मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह के 17 दिसंबर, 2018 को नई दिल्ली आने की तारीख भी तय की गई है। सोलिह की इस यात्रा के दौरान ही भारत की तरफ से मदद की घोषणा किए जाने के आसार है।

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मालदीव के नए राष्ट्रपति सोलिह 17 दिसंबर को भारत आएंगे 

सोलिह ने हाल ही में देश के राष्ट्रपति पद की शपथ ली है। उनके शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया था। उस संक्षिप्त बैठक में सोलिह ने मोदी को बताया था कि चीन के भारी कर्जे की वजह से मालदीव की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ रहा है।

भारत की यात्रा पर आये विदेश मंत्री शाहिद ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ लंबी बैठक की जिसमें तमाम द्विपक्षीय मुद्दों और भारत की तरफ से दी जाने वाले मदद के तमाम आयामों पर चर्चा की। उन्होंने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से भी सोमवार को मुलाकात की। मंगलवार को यह दल राष्ट्रपति से मुलाकात करेगी। जबकि भारतीय उद्यमियों के साथ इनकी एक अलग मुलाकात तय है।

सनद रहे कि मालदीव में निवेश करने को लेकर काफी भारतीय कंपनियां रुचि रखती हैं। मालदीव की पूर्व सरकार भारतीय कंपनियों के साथ भेदभाव वाला रवैया अपना रही थी। नई सरकार ने कहा है कि अब ऐसा नहीं होगा।

मालदीव के विदेश मंत्री ने भारतीय नेताओं को साफ तौर पर बताया है कि 'इंडिया फ‌र्स्ट' की नीति पर उनका पूरा जोर रहेगा। यह अपने आप में इस बात को बताता है कि मालदीव में भारतीय सहयोग से बनने वाली जिन परियोजनाओं को राजनीतिक वजहों से रोका गया था उन्हें अब हरी झंडी दिखाई जा सकती है।

शाहिद ने यह भी कहा है कि मालदीव भारत की सुरक्षा व रणनीतिक चिंताओं को लेकर पूरी तरह से संवेदनशील है और इस भावना के विपरीत कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। दूसरी तरफ स्वराज ने मालदीव को मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में उबरने के लिए हरसंभव सामाजिक व आर्थिक मदद देने का भरोसा दिलाया है।

अगले महीने रक्षा सहयोग पर भी वार्ता शुरु करेंगे दोनो देश

भारत की तरफ से मालदीव को उसके बजटीय व वित्तीय स्थायित्व को बनाये रखने में भी पूरी मदद करने का भरोसा दिया गया है। अगले महीने राष्ट्रपति सोलिह के आने के साथ ही दोनो देशों के बीच रक्षा सहयोग वार्ता शुरु करने की भी सहमति बन गई है।


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