सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ आज करेगी उमर अब्दुल्ला की हिरासत पर सुनवाई, PSA ऑर्डर को रद करने की मांग
सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ शुक्रवार को नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की हिरासत के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करेगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की हिरासत के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की तरफ से दाखिल याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ शुक्रवार को सुनवाई करेगी। याचिका में उमर को जम्मू-कश्मीर नागरिक सुरक्षा कानून (जेके-पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने को चुनौती दी गई है। इस मामले को जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश किया जाएगा। पीठ में जस्टिस इंदिरा बनर्जी भी शामिल हैं।
बुधवार को जब यह मामला तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष पेश हुआ था तो जस्टिस एमएम शांतनगौदर ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था। पीठ में जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल थे। सारा ने 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए अपने भाई एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर को जेके-पीएसए-1978 के तहत हिरासत में लिए जाने को अवैध बताया था।
याचिका में कहा गया है कि उमर किसी भी हाल में शासन के लिए खतरा नहीं हो सकते हैं। याचिका में पांच फरवरी को जारी जेके-पीएसए के तहत उमर की गिरफ्तारी संबंधी आदेश को रद करने की भी मांग की है। फिलहाल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पीएसए को राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने साल 1978 में लागू किया था। उन्होंने तब यह कानून जंगलों के अवैध कटान में शामिल लोगों को रोकने के लिए बनाया था लेकिन बाद में इसे उन लोगों पर भी लागू किया जाने लगा था जिनसे कानून व्यवस्था को खतरा हो। इस कानून के मुताबिक आरोपी की दो साल तक किसी तरह की सुनवाई नहीं हो सकती थी। वैसे नजरें सुप्रीम कोर्ट पर हैं यदि वह राहत नहीं देता है तो उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की परेशानी बढ़ सकती है।