कांग्रेस नेता अहमद पटेल की याचिका जल्द लगने से सुप्रीम कोर्ट हुआ हैरान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के 2017 में राज्यसभा में निर्वाचन से संबंधित याचिका सुनवाई के लिए जल्दी लगने पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के 2017 में राज्यसभा में निर्वाचन से संबंधित याचिका सुनवाई के लिए जल्दी लगने पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई है। अदालत ने कहा है कि इस केस में कोई बहुत ही बेचैन लगता है।
कोर्ट ने कहा कि पिछले आदेश के मुताबिक, इस केस को अंतिम सुनवाई के लिए 'नॉन मिसलेनियस डे' पर लगाया जाना था, लेकिन यह फरवरी के पहले ही दिन 'मिसलेनियस डे' में लगा दिया गया। इसलिए वह रजिस्ट्री से जानना चाहेगा कि यह कैसे हुआ।
पटेल ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को पिछले साल 26 अक्टूबर को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने भाजपा प्रत्याशी बलवंतसिंह राजपूत की चुनाव याचिका की स्वीकार्यता पर सवाल उठाने वाली पटेल की याचिका खारिज कर दी थी। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई और संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि इस केस में कोई बहुत बेचैन लगता है। हम रजिस्ट्री से जानना चाहेंगे कि यह केस कैसे सूचीबद्ध हो गया।
पटेल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वे भी केस की लिस्टिंग से हैरान हैं। सिब्बल ने कहा कि हम ही हैरान हैं। हम नहीं जानते कि यह कैसे हुआ।
इस पर कोर्ट ने कहा, 'हम आपसे नहीं कुछ कह रहे हैं। हम रजिस्ट्री से पता करेंगे कि यह कैसे हुआ। हमने अपने पिछले आदेश में कहा था कि यह केस अंतिम सुनवाई के लिए फरवरी में लगाया जाए। अब हम अचानक पाते हैं कि यह फरवरी के पहले ही दिन, वह भी शुक्रवार को लग गया।
सिब्बल ने बताया कि शीर्ष अदालत के पिछले आदेश के मुताबिक, सुनवाई चल रही है। इस पर पीठ ने कहा कि मामले में विस्तृत सुनवाई की जरूरत है। इसलिए इसे 13 फरवरी को सूचीबद्ध किया जाता है।
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इनसेट
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सुनवाई को लेकर यह है नियम
आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट में जिस केस में विस्तृत सुनवाई होनी होती है, उसे 'नॉन मिसलेनियस डे' अर्थात मंगलवार से गुरुवार तक सुनवाई के लिए लगाया जाता है। सोमवार और शुक्रवार को मिसलेनियस मामलों की सुनवाई होती है।
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