इवीएम के वोटों से वीवीपैट का मिलान का मुद्दा, सुप्रीम कोर्ट का केंद्र-चुनाव आयोग से जवाब तलब
कुछ राजनीति दलों के नेताओं का मानना की ईवीएम से छेड़छाड़ कर सत्ता पक्ष अपने हक में मतदान करवा सकता है।
नई दिल्ली, एएनआइ। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए इवीएम (EVM) में डाले गए वोटों से वीवीपैट (VVPAT) का मिलान करने की मात्रा को 10 फीसद से बढ़ाकर 30 फीसदी किए जाने का निर्देश चुनाव आयोग को देने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और केंद्रीय चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है।
इससे पहले छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने प्रदेश कांग्रेस की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया था, जिसमें विधानसभा चुनाव की मतगणना प्रक्रिया में सभी निर्वाचन क्षेत्रों के कम से कम 50 फीसदी मतदान केंद्रों में वीवीपैट पर्ची की गिनती सुनिश्चित करने की मांग की गई थी।
दरअसल, कुछ राजनीति दलों के नेताओं का मानना की ईवीएम से छेड़छाड़ कर सत्ता पक्ष अपने हक में मतदान करवा सकता है। उनका कहना है कि छेड़छाड़ कर इवीएम को इस तरह सेट किया जा सकता है, जिसमें मतदाता किसी भी बटन को दबाए, लेकिन वोट सत्तापक्ष के उम्मीदवार को ही जाएगा। हर बार चुनावों के बाद किसी ना किसी दल के नेता के मुंह से ऐसा बयान सुनने को मिल जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सच में ईवीएम टेंपरिंग हो सकती है? वीवीपैट इस सवाल का जवाब हो सकता है।