सुप्रीम कोर्ट शिवसेना गठबंधन की सरकार बनने से रोके, गठबंधन अलोकतांत्रिक और अनैतिक है
केंद्र और महाराष्ट्र को नोटिस जारी किया जाए कि वह इस गठबंधन का मुख्यमंत्री न नियुक्त करे। यह गठबंधन अलोकतांत्रिक और अनैतिक है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनाने की तैयारी जोरों पर है इस बीच सुप्रीम कोर्ट में चुनाव बाद हुए इस गठबंधन के खिलाफ याचिका दाखिल हो गई है।
चुनाव बाद गठबंधन के सीएम नियुक्त करने पर रोक लगनी चाहिए
याचिका में कहा गया है कि चुनाव बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच हुआ गठबंधन मतदाताओं के साथ धोखा है और संविधान का उल्लंघन है। याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि वह चुनाव बाद गठबंधन का मुख्यमंत्री नियुक्त करने पर रोक लगाए।
शुक्रवार को हो सकती है सुनवाई
यह याचिका महाराष्ट्र के थाने में रहने वाले प्रमोद पंडित जोशी ने दाखिल की है। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होने की संभावना है।
चुनाव बाद शिवसेना का एनडीए से अलग होना मतदाताओं के साथ धोखा
जोशी ने वकील बरुन कुमार सिन्हा के जरिये दाखिल याचिका में कहा है कि महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा ने एनडीए के रूप में मिलकर चुनाव लड़ा था और एनडीए का अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार देवेन्द्र फडनवीस के रूप में था। चुनाव के बाद शिवसेना मुख्यमंत्री पद को लेकर एनडीए से अलग हो गई। चुनाव के बाद शिवसेना का एनडीए से अलग होना मतदाताओं के साथ धोखा है जिन्होंने उस पर भरोसा करके उसे मत दिये थे और एनडीए को सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत से ज्यादा सीटें दी थीं।
तीन दलों का गठबंधन संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ
याचिका में केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार के साथ तीन राजनैतिक दलों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को भी पक्षकार बनाया गया है। कहा गया है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच चुनाव बाद हुआ गठबंधन मतदाताओं के साथ धोखा है जिन्हें शिवसेना ने चुनाव के पहले जारी चुनाव घोषणापत्र में गुमराह किया है।
कोर्ट शिवसेना गठबंधन की सरकार बनने से रोके
अवसरवादिता के तहत तीनों दलों के बीच महाराष्ट्र में हुआ गठबंधन संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है और इसलिए केंद्र और महाराष्ट्र को नोटिस जारी किया जाए कि वह इस गठबंधन का मुख्यमंत्री न नियुक्त करे। यह गठबंधन अलोकतांत्रिक और अनैतिक है।