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Haren Pandya Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को दोषी ठहराया, हाईकोर्ट ने किया था बरी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पांड्या (Haren Pandya) की हत्या के मामले में हाई कोर्ट से बरी किए गए 12 लोगों को दोषी करार दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 12:17 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 01:42 PM (IST)
Haren Pandya Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को दोषी ठहराया, हाईकोर्ट ने किया था बरी
Haren Pandya Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को दोषी ठहराया, हाईकोर्ट ने किया था बरी

नई दिल्‍ली, आइएएनएस। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजरात (Gujarat) के पूर्व गृह मंत्री हरेन पांड्या (Haren Pandya) की हत्या के मामले में हाई कोर्ट से बरी किए गए 12 लोगों को दोषी करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अरुण मिश्रा (Justice Arun Mishra) की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को सीबीआइ और गुजरात सरकार की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने जनवरी माह में ही इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

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यह है मामला 
पांड्या (Haren Pandya) गुजरात में नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार में गृह मंत्री थे। अहमदाबाद में सुबह की सैर के दौरान लॉ गार्डन के समीप 26 मार्च 2003 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। सीबीआइ के अनुसार, राज्य में 2002 के सांप्रदायिक दंगों का बदला लेने के लिए उनकी हत्या की गई थी। विशेष अदालत ने 2007 में अपने फैसले में आतंकवाद रोधी कानून (पोटा) के तहत सभी 12 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जबकि 29 अगस्त 2011 को गुजरात हाई कोर्ट ने फैसले को पलटते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। सीबीआइ ने 2012 में हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। 

एनजीओ की याचिका खारिज, 50 हजार का जुर्माना भी ठोंका  
सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए गुजरात हाईकोर्ट के निर्णय को रद कर दिया। सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने एनजीओ 'सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन' (सीपीआइएल) की जनहित याचिका खारिज कर दी जिसमें इस हत्या की शीर्ष अदालत की निगरानी में फिर से जांच कराने की मांग की गई थी।अदालत ने एनजीओ पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 

नए सिरे से की थी मामले की जांच की मांग 
एनजीओ ने सोहराबुद्दीन शेख (Sohrabuddin Sheikh) केस में गवाह आजम खान की गवाही का हवाला देते हुए हरेन पांड्या हत्‍याकांड की नए सिरे से जांच की मांग की थी। सनद रहे कि सोहराबुद्दीन शेख मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आरोप मुक्‍त हो चुके हैं। मामले में एनजीओ की तरफ से पेश वकील शांति भूषण ने कहा पिछली सुनवाई पर कहा था कि सोहराबुद्दीन मामले की सुनवाई के दौरान एक गवाह आजम खान ने कोर्ट में पांड्या की हत्या को एक बड़ी साजिश बताया था इसलिए इस संबंध में नए सिरे से जांच की जरूरत है।  

डीजी वंजारा पर लगाया था सुपारी देने का आरोप 
याचिका में दलील दी गई थी कि खान ने 03 नवंबर, 2018 को ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपनी गवाही में दावा किया था कि गुजरात कैडर के अधिकारी डीजी वंजारा (DG Vanzara) ने ही पांड्या को मारने की सुपारी दी थी। खान का कहना था कि सोहराबुद्दीन ने यह बात खुद उसे बताई थी। बकौल खान बाद में सोहराबुद्दीन के साथी तुलसीराम प्रजापति ने नईम और शाहिद रामपुर के साथ हरेन पांड्या की हत्‍या कर दी थी। 

ये हैं सभी 12 आरोपी 
पांड्या हत्‍याकांड के आरोपियों में असगर अली (Asghar Ali), मो. रऊफ (Mohammad Rauf), मो. परवेज अब्‍दुल कयूम शेख (Mohammad Parvez Abdul Kayum Sheikh), परवेज खान पठान उफ अतहर परवेज (Parvez Khan Pathan alias Athar Parvez), मो. फारुक उर्फ हाजी फारुक (Mohammad Farooq alias Haji Farooq), शाहनवाज गांधी (Shahnawaz Gandhi), कलीम अहमद उर्फ कलीमुल्‍ला (Kalim Ahmeda alias Kalimullah), रेहान पुठावला (Rehan Puthawala), मो. रियाज सरेसवाला (Mohammad Riaz Sareswala), अनिज माचिसवाला (Aniz Machiswala), मो. युनूस सरेसवाला (Mohammad Yunus Sareswala), मो. सईफुद्दीन (Mohammad Saifuddin) शामिल हैं। 


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