येदियुरप्पा और शिव कुमार के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राजी
बता दें कि यह मामला 4.20 एकड़ जमीन का उपयोग कर्नाटक रिस्टि्रक्शन ऑफ ट्रांसफर ऑफ लैंड एक्ट 1991 का उल्लंघन कर कृषि से औद्योगिक में तब्दील करने से जुड़ा है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ नौ साल पुराने भ्रष्टाचार के मामले को फिर से खोलने की मांग संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई के लिए राजी हो गया।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वे मामले में हस्तक्षेप कर रहे गैरसरकारी संगठन (NGO) 'समाज परिवर्तन समुदाय' के हस्तक्षेप के अधिकार पर भी फैसला करेंगे। यह मामला 4.20 एकड़ जमीन का उपयोग 'कर्नाटक रिस्टि्रक्शन ऑफ ट्रांसफर ऑफ लैंड एक्ट, 1991' का उल्लंघन कर कृषि से औद्योगिक में तब्दील करने से जुड़ा है।
इस मामले को कुछ साल पहले बंद कर दिया गया था। NGO के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि येदियुरप्पा के कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने की संभावना है (तब तक येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण नहीं की थी)। इस पर पीठ ने कहा कि वे किसी नाम या व्यक्ति से प्रभावित नहीं हैं और दो हफ्ते बाद मामले की सुनवाई करेंगे।
येदियुरप्पा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि एनजीओ अनावश्यक रूप से भ्रष्टाचार के उस मामले को खोलने का प्रयास कर रहा है जिसे कर्नाटक हाई कोर्ट ने दिसंबर 2015 में खारिज कर दिया था।
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