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स्वामी का सवाल, चिदंबरम को रपट देने वाले अफसर को ही तो नहीं सौंप दी जांच

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पूछा है कि कहीं सीबीआई के उसी अफसर को तो जांच नहीं सौंप दी गई जिसने चिदंबरम के पास गोपनीय रपट पहुंचाई थी?

By Kishor JoshiEdited By: Published: Fri, 09 Feb 2018 05:33 PM (IST)Updated: Sat, 10 Feb 2018 06:42 AM (IST)
स्वामी का सवाल, चिदंबरम को रपट देने वाले अफसर को ही तो नहीं सौंप दी जांच
स्वामी का सवाल, चिदंबरम को रपट देने वाले अफसर को ही तो नहीं सौंप दी जांच

नई दिल्ली (जेएनएन)। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य चिदंबरम के जोरबाग, दिल्ली स्थित घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के दौरान उनके बेडरूम से बरामद सीबीआई की गोपनीय रपट को लेकर इस जांच एजेंसी के साथ सरकार को भी कुछ असहज करने वाले सवालों से दो-चार होना पड़ रहा है। इसका एक कारण यह है कि सीबीआई ने यह घोषणा की है कि वह इसकी जांच करेगी कि एयरसेल-मैक्सिस घोटाले की जांच से जुड़ी उसकी वह गोपनीय रपट चिदंबरम के घर कैसे पहुंची जो सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में दी गई थी?

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सोशल मीडिया में भी उठ रहे हैं सवाल

इस घोषणा के बाद एक चुभता सवाल भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दागा है। उन्होंने पूछा है कि कहीं सीबीआई के उसी अफसर को तो जांच नहीं सौंप दी गई जिसने उनके पास गोपनीय रपट पहुंचाई थी? इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया में ऐसे सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर इस मामले में जांच की क्या जरूरत है? सीबीआई गोपनीय रपट हासिल करने वाले चिदंबरम से ही यह क्यों नहीं उगलवाती कि उन्हें यह रपट कैसे मिली?  

कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि लगता है सीबीआई चिदंबरम ब्यूरो आफ इनवेस्टीगेशन बन गई है। ऐसे कटाक्ष महज सोशल मीडिया के मजाकिया कमेंट नहीं हैं, क्योंकि अगर चिदंबरम की जगह किसी आम आदमी के घर ऐसी गोपनीय रपट मिली होती तो वह न जाने कब गिरफ्तार कर लिया गया होता और साथ ही सीबीआई उससे यह उगलवा चुकी होती कि गोपनीय रपट उसके हाथ कैसी लगी। क्या चिदंबरम के प्रति अनावश्यक नरमी इसलिए बरती जा रही है कि वह सांसद और वकील हैं या फिर इसलिए कि सीबीआई उनके खिलाफ जांच के नाम पर लीपापोती कर रही है।

चिंदबरम के बेटे की संदिग्ध भूमिका की भी जांच कर रही है सीबीआई
चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ जांच के मामले में सीबीआई और ईडी का बेहद सुस्त रवैया न केवल इन एजेंसियों के रवैये पर सवाल खड़े कर रहा, बल्कि सरकार के इरादों पर भी। सीबीआई एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में चिदंबरम के बेटे कार्ति की संदिग्ध भूमिका की जांच कर रही है। जांच के दायरे में चिदंबरम भी हैं, लेकिन मामला पूछताछ से आगे नहीं बढ़ रहा है।
 
माजिद मेनन भी जांच में तेजी की मांग की
सुब्रमण्यम स्वामी के अलावा एनसीपी के सांसद और वकील माजिद मेनन ने भी ईडी और सीबीआई को चिदंबरम के खिलाफ जांच तेज करने की मांग की है। चिदंबरम पर एयरसेल-मैक्सिस सौदे को विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से अनुचित तरीके से मंजूरी दिलाने का आरोप है। ईडी के अनुसार इस मंजूरी के बदले चिदंबरम के बेटे कार्ति और उनके भतीजे की कंपनियों को मैक्सिस समूह ने दो लाख डॉलर का भुगतान किया था।
 
चिदंबरम पर यह भी आरोप है कि वह बतौर वित्त मंत्री विदेशी कंपनियों को विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से अनुचित तौर पर मंजूरी दिलाते थे और इसके एवज में रकम उनके बेटे और भतीजे की कंपनियों को मिलती थी। माना जा रहा है कि बतौर गृहमंत्री चिदंबरम जब सीबीआई का काम देख रहे थे तभी उनके संबंध इस एजेंसी के किसी अफसर से बने होंगे और उसी के जरिये उक्त गोपनीय रपट उनके पास पहुंची होगी।

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