स्वामी का सवाल, चिदंबरम को रपट देने वाले अफसर को ही तो नहीं सौंप दी जांच
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पूछा है कि कहीं सीबीआई के उसी अफसर को तो जांच नहीं सौंप दी गई जिसने चिदंबरम के पास गोपनीय रपट पहुंचाई थी?
नई दिल्ली (जेएनएन)। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य चिदंबरम के जोरबाग, दिल्ली स्थित घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के दौरान उनके बेडरूम से बरामद सीबीआई की गोपनीय रपट को लेकर इस जांच एजेंसी के साथ सरकार को भी कुछ असहज करने वाले सवालों से दो-चार होना पड़ रहा है। इसका एक कारण यह है कि सीबीआई ने यह घोषणा की है कि वह इसकी जांच करेगी कि एयरसेल-मैक्सिस घोटाले की जांच से जुड़ी उसकी वह गोपनीय रपट चिदंबरम के घर कैसे पहुंची जो सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में दी गई थी?
सोशल मीडिया में भी उठ रहे हैं सवाल
इस घोषणा के बाद एक चुभता सवाल भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दागा है। उन्होंने पूछा है कि कहीं सीबीआई के उसी अफसर को तो जांच नहीं सौंप दी गई जिसने उनके पास गोपनीय रपट पहुंचाई थी? इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया में ऐसे सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर इस मामले में जांच की क्या जरूरत है? सीबीआई गोपनीय रपट हासिल करने वाले चिदंबरम से ही यह क्यों नहीं उगलवाती कि उन्हें यह रपट कैसे मिली?
कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि लगता है सीबीआई चिदंबरम ब्यूरो आफ इनवेस्टीगेशन बन गई है। ऐसे कटाक्ष महज सोशल मीडिया के मजाकिया कमेंट नहीं हैं, क्योंकि अगर चिदंबरम की जगह किसी आम आदमी के घर ऐसी गोपनीय रपट मिली होती तो वह न जाने कब गिरफ्तार कर लिया गया होता और साथ ही सीबीआई उससे यह उगलवा चुकी होती कि गोपनीय रपट उसके हाथ कैसी लगी। क्या चिदंबरम के प्रति अनावश्यक नरमी इसलिए बरती जा रही है कि वह सांसद और वकील हैं या फिर इसलिए कि सीबीआई उनके खिलाफ जांच के नाम पर लीपापोती कर रही है।