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लोकसभा के समय पूर्व चुनाव की आशंका पर कांग्रेस में बढ़ी सरगर्मी

बजट सत्र के पहले चरण के समाप्त होने के बाद फरवरी के अंत में कांग्रेस का प्लेनरी सत्र बुलाने की संभावनाओं को टटोला जा रहा है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 30 Jan 2018 08:15 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jan 2018 08:06 AM (IST)
लोकसभा के समय पूर्व चुनाव की आशंका पर कांग्रेस में बढ़ी सरगर्मी
लोकसभा के समय पूर्व चुनाव की आशंका पर कांग्रेस में बढ़ी सरगर्मी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लोकसभा चुनाव समय से पहले कराने की सियासी अटकलों से कांग्रेस में भी अंदरुनी सरगर्मी शुरू हो गई है। निर्धारित समय से पहले चुनाव की तैयारी के लिए पार्टी कैडर में सियासी उत्साह भरने के लिए नेतृत्व के साथ सीधे संवाद के विकल्पों पर मंथन हो रहा है। इस लिहाज से बजट सत्र के पहले चरण के समाप्त होने के बाद फरवरी के अंत में कांग्रेस का प्लेनरी सत्र बुलाने की संभावनाओं को टटोला जा रहा है।

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पार्टी सूत्रों के अनुसार इस विकल्प को इसलिए वरीयता दी जा सकती है क्योंकि इसमें पूरे देश के डेलीगेट शामिल होते हैं। ऐसे में इस मौके का उपयोग कांग्रेस कार्यकर्ताओं में राजनीतिक विश्वास पैदा करने के लिए किया जा सकता है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि भले ही अपने प्रचार तंत्र की आक्रामकता की वजह से सरकार राजनीतिक रुप से बढ़त दिखाने की रणनीति को आगे बढ़ा रही है मगर जमीनी हकीकत वैसी नहीं है।

कांग्रेस का मानना है कि जीडीपी दर में आयी कमी और आर्थिक सुस्ती के साथ बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई ऐसे मुद्दे हैं जिनको लेकर लोगों में असंतोष है। इसीलिए पार्टी कैडर में जमीन पर राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए उत्साहित करना जरूरी है। राहुल गांधी के कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनने का अंतिम अनुमोदन करने की पार्टी की संवैधानिक अनिवार्यता को पूरा करने के लिए भी प्लेनरी सत्र बुलाया जाना जरूरी है। पार्टी के इस सत्र के लिए दिल्ली या पंजाब के विकल्प पर विचार हो रहा है।

एनडीए सरकार के समय से पहले चुनाव कराने की सियासी अटकलों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद में अभिभाषण ने हवा दे दी। राष्ट्रपति ने बार-बार चुनाव के अनावश्यक बोझ से बचने के लिए लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की बात कही थी। संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस सुर को अपनी मुखर आवाज दे दी। सरकार के शिखर नेतृत्व के इन बयानों के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा गरम है कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ के चुनाव के समय ही इस साल के अंत तक लोकसभा चुनाव कराये जा सकते हैं। जाहिर तौर पर छह महीने पहले चुनाव होने की स्थिति में राजनीतिक पार्टियों खासकर कांग्रेस को ज्यादा मेहनत करनी होगी। जल्द लोकसभा चुनाव कराने की सियासी हलचल के बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रवक्ता कपिल सिब्बल का कहना है कि चुनाव चाहे जब हो पार्टी चुनाव में मजबूती से ताल ठोकने के लिए तैयार है।


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