#StatueofUnity: विपक्ष का मोदी से सवाल, महात्मा गांधी की इतनी विशाल प्रतिमा क्यों नहीं?
विपक्षी पार्टियों का सवाल है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इतनी विशाल प्रतिमा क्यों नहीं लगाई गई।
नई दिल्ली [प्रेट्र]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा के लोकार्पण के साथ ही विपक्षी पार्टियों के भाजपा पर हमले तेज हो गए हैं। विपक्षी पार्टियों का सवाल है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इतनी विशाल प्रतिमा क्यों नहीं लगाई गई। उन्होंने भाजपा पर सरदार पटेल जैसे स्वाधीनता संग्राम के नायकों की विरासत को 'हाईजैक' करने का भी आरोप लगाया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, यह विडंबना ही है कि एक तरफ सरदार पटेल की प्रतिमा का लोकार्पण किया जा रहा है तो दूसरी तरफ उनके द्वारा बनाई गई हर संस्था को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की संस्थाओं को योजनाबद्ध तरीके से नष्ट करना भी एक तरह का देशद्रोह है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि देश में महात्मा गांधी की इतनी विशाल प्रतिमा नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा ने राष्ट्रपिता की इतनी विशाल प्रतिमा का निर्माण क्यों नहीं कराया। तिरुवनंतपुरम में पार्टी के एक कार्यक्रम में थरूर ने कहा कि महात्मा गांधी की सबसे बड़ी प्रतिमा संसद भवन परिसर में स्थापित है, लेकिन उनके शिष्य (सरदार पटेल) की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाई गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इतिहास में भाजपा का कोई ऐसा नेता नहीं है इसलिए वह स्वाधीनता सेनानियों और राष्ट्रीय नायकों को हाईजैक करने की कोशिश कर रही है। सरदार पटेल कांग्रेस के नेता थे और भाजपा को उन्हें स्वीकार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा और केंद्र सरकार पर पटेल को एक क्षेत्र तक सीमित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह भाजपा की संकीर्ण मानसिकता का द्योतक है। लखनऊ में एक बयान जारी कर उन्होंने कहा, 'भाजपा, आरएसएस और कंपनी को इस बात के लिए बहुजन समाज से माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने बसपा सरकार द्वारा बाबा साहब आंबेडकर और अन्य के सम्मान में लगवाई गईं प्रतिमाओं को बेकार का खर्च बताया था।'
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा का पटेल को याद करना सिर्फ चुनावी हथकंडा है। कर्नाटक के हुबली में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा हर साल एक अलग स्वाधीनता सेनानी को याद करती है। कभी वे पटेल को याद करते हैं, कभी स्वच्छ भारत अभियान के लिए महात्मा गांधी को, तो कभी बीआर आंबेडकर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हैं। यह सब उनकी चुनावी चाल है। उनके मन में स्वाधीनता सेनानियों के लिए कोई सम्मान नहीं है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने भी सवाल किया कि महात्मा गांधी की इतनी विशाल प्रतिमा क्यों नहीं लगाई गई। उन्होंने कहा, 'वे (भाजपा) उनकी (महात्मा गांधी) पंथनिरपेक्षता को पसंद नहीं करते इसीलिए उन्होंने उसे (प्रतिमा) नहीं लगवाया। इसकी बजाय उन्होंने पटेल की प्रतिमा लगवाई जिनके विचार दक्षिणपंथी थे।'