छटॉक, सेर और मन के लद गये दिन; अब देश की हर पंचायत में रखे जाएंगे स्टैंडर्ड बाट व माप
केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान पासवान ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि उपभोक्ता हितों के संरक्षण के लिए सरकार ने कई कारगर कदम उठाये हैं।
नई दिल्ली, सुरेंद्र प्रसाद सिंह। गांवों में परंपरागत छटॉक, सेर और मन जैसे बाट तो न जाने कब के खत्म हो गये। देश के कई हिस्सों में अभी भी ईंट और पत्थर के टुकड़ों को बाट मानकर लेन देन धड़ल्ले से हो रहा है, जिस पर पूरी तरह रोक है। इस तरह की होने घटतौली से उपभोक्ताओं को निजात पाने के लिए सरकार ने हर गांव तक स्टैंडर्ड बाट व माप पहुंचाने का फैसला लिया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया 'इस तरह की गड़बड़ी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है।'
पासवान ने 'जागरण' से बातचीत में कहा कि उपभोक्ता हितों के संरक्षण के लिए सरकार ने कई कारगर कदम उठाये हैं। भारतीय मानक ब्यूरो की शाखायें राज्यों में तो हैं, लेकिन मानव संसाधन की भारी कमी के चलते कई क्षेत्र में नियमों का सही क्रियान्वयन नहीं हो पाता है। इन स्थितियों में राज्यों पर ज्यादा दारोमदार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में घूमेगी मोबाइल वैन
वस्तुओं की तौल में गड़बड़ी को रोकने के प्रावधान के बारे में पूछने पर पासवान ने कहा कि इसे लेकर सरकार सतर्क है। इस संबंध में राज्यों के साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है। गंभीर विचार-विमर्श के बाद देश की सभी ग्राम पंचायतों में स्टैंडर्ड बाट व माप रखने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल वैन घूमेगी, जो घटतौली के प्रति लोगों को जागरुक बनाएगी। इस दौरान स्टैंडर्ड बाट व माप से उपयोग किये जाने वाले बाट की जांच की जा सकेगी।
सरकार की ओर से होगी बाट व माप की आपूर्ति
केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री पासवान ने बताया कि पंचायतों में रखे जाने वाले बाट व माप की आपूर्ति सरकार की ओर से की जाएगी, जबकि उसके रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की होगी। ग्राहक अपनी वस्तु की तौल की जांच पंचायत में रखे स्टैंडर्ड बाट से कभी भी करा सकता है। तौल और माप संबंधित शिकायतों के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।
पुराने बाट व माप को कानूनी तौर पर पहले ही हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो की स्थापना वर्ष 1936 में की गई, जिसमें समय के साथ कई बदलाव किये गये हैं। सभी वस्तुओं की माप के मानक पूरे देश में एक जैसा ही है, जिसमें कोई घालमेल नहीं किया जा सकेगा।