देवरिया, मेरठ के मुद्दे पर रास में सपा का हंगामा, सदन में राफेल मुद्दे पर जेपीसी की मांग करती रही कांग्रेस
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस जहां राफेल मुद्दे पर जेपीसी की मांग को लेकर विरोध जता रही थी, वहीं सपा ने देवरिया और मेरठ के मामले को लेकर सदन की कार्यवाही कई मर्तबा बाधित करने की कोशिश की।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संसद सत्र के अंतिम दिन राज्यसभा में समाजवादी पार्टी ने देवरिया और मेरठ में घटित मामलों को जोर-शोर से उठाने का प्रयास किया। चर्चा की अनुमति न मिलने पर सपा सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस जहां राफेल मुद्दे पर जेपीसी की मांग को लेकर विरोध जता रही थी, वहीं सपा ने देवरिया और मेरठ के मामले को लेकर सदन की कार्यवाही कई मर्तबा बाधित करने की कोशिश की।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के देवरिया नारी संरक्षण केंद्र में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग उठाई। इसके लिए उसने सदन में हंगामा किया। सपा के कुछ सदस्यों ने सदन की कार्यवाही में बाधा डालने की कोशिश भी की। लेकिन उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने चर्चा की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि मसला गंभीर है। लेकिन, इस पर फिलहाल चर्चा नहीं हो सकती।
समाजवादी पार्टी के सदस्य नीरज शेखर ने देवरिया और मुजफ्फरपुर कांड उठाने की अनुमति मांगी। उन्होंने कहा, 'पहले इन मुद्दों पर चर्चा होगी। फिर कोई और चीज होगी।' शेखर ने चेयरमैन नायडू का हवाला देकर कहा कि उन्होंने मामलों को पहले उठाने को कहा है। पार्टी की ओर से शेखर अकेले वेल में पहुंचकर तेज आवाज में नाराजगी जताते रहे। लेकिन उपसभापति ने कहा कि कुछ संवैधानिक प्रावधान हैं और बोलते समय व्यवस्था बनाए रखें। सपा सदस्यों के साथ बसपा नेता वीर सिंह ने भी यह मांग उठाई।
सपा सदस्य शोर शराबे के बीच अपनी बात उठाते रहे। उनका कहना था कि मुजफ्फरपुर और देवरिया का मामला एक जैसा ही गंभीर है। इस पर चर्चा होनी ही चाहिए। उपसभापति के बार-बार यह कहने पर कि मामला सूची में आगे है, सपा सदस्यों ने कहा कि इसे पहले नंबर पर होना चाहिए। उपसभापति सिंह ने सपा नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव को बोलने का मौका दिया।
यादव ने मेरठ में दलित युवक की हत्या के मामले पर अपनी बात रखी। राज्य सरकार के अफसरों की ओर से कांवडि़यों पर फूल बरसाए जाने पर आपत्ति जताई। यादव ने कहा कि जब संसद में एससी-एसटी कानून पारित हो रहा था, उसी समय मेरठ में एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इससे भी अधिक अफसोस की बात यह थी कि उसी समय कांवडि़यों पर फूल बरसाया जा रहा था। युवक मारा जा रहा था, उसे बचाने वाला कोई नहीं था। यादव के बोलते समय सदन में कांग्रेस जहां जेपीसी की मांग पर शोर मचा रही थी, वहीं सत्तापक्ष की ओर से भी विरोध जताया जा रहा था।