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दक्षिण कोरिया के नागरिकों को मिलने लगा भारत में आगमन पर वीजा

हर साल दक्षिण कोरिया के नागरिकों को करीब दो लाख भारतीय वीजा दिए जाते हैं। इनमें 80 फीसद सैलानी होते हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 07:45 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 07:46 PM (IST)
दक्षिण कोरिया के नागरिकों को मिलने लगा भारत में आगमन पर वीजा
दक्षिण कोरिया के नागरिकों को मिलने लगा भारत में आगमन पर वीजा

नई दिल्ली, प्रेट्र। दक्षिण कोरिया के नागरिकों के लिए भारत ने आगमन पर वीजा सुविधा की शुरुआत कर दी है। इससे पर्यटकों और व्यावसायिक आगंतुकों की संख्या में बढ़ोतरी की संभावना है। जापान के बाद दक्षिण कोरिया ऐसा दूसरा देश है, जिसके नागरिकों को अब भारत में आगमन पर वीजा की सुविधा उपलब्ध है। जापान के नागरिकों को यह सुविधा मार्च 2016 से मिल रही है।

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जापान के बाद यह सुविधा पाने वाला दूसरा देश बना दक्षिण कोरिया

गृह मंत्रालय के अधिकारी ने रविवार को बताया कि भारत ने दक्षिण कोरिया के नागरिकों के लिए यह सुविधा एक अक्टूबर, 2018 से प्रभावी कर दी है। जापानी नागरिकों की तरह दक्षिण कोरिया के नागरिकों को भी दोहरे प्रवेश की सुविधा शामिल है। हालांकि, यात्रा 60 दिनों से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए। कारोबार, पर्यटन, सम्मेलन या चिकित्सा के उद्देश्य से आने वाले दक्षिण कोरियाई नागरिक इस सुविधा का लाभ लेकर छह तय अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद से देश में प्रवेश कर सकते हैं।

एक अनुमान के मुताबिक, हर साल दक्षिण कोरिया के नागरिकों को करीब दो लाख भारतीय वीजा दिए जाते हैं। इनमें 80 फीसद सैलानी होते हैं। औसतन 600 दक्षिण कोरियाई नागरिक हर दिन दिल्ली आते हैं। आगमन पर वीजा सुविधा की पेशकश 12 देशों कंबोडिया, फिनलैंड, इंडोनेशिया, जापान, लाओस, लक्जमबर्ग, म्यांमार, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, वियतनाम और दक्षिण कोरिया को की गयी थी। 'ई-टूरिस्ट वीजा' योजना की शुरुआत के बाद नवंबर 2014 में इसे रोक दिया गया।

ई-वीजा के जरिये आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी :

ई-टूरिस्ट वीजा सुविधा में अब 166 देश शामिल हैं। विदेशी नागरिक पर्यटन, व्यवसाय, स्वास्थ्य, चिकित्सा और सम्मेलन के उद्देश्य से 72 घंटे के अंदर आनलाइन वीजा पा सकते हैं। ई-वीजा के जरिये भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या वर्ष 2015 में 4.47 लाख थी, जो 2017 में 17 लाख हो गई। 31 अक्टूबर 2018 तक ऐसे यात्रियों की संख्या 18.7 लाख पहुंच चुकी है।


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