किसानों से बैठक पर बोले सोम प्रकाश- बातचीत करने का उद्देश्य समाधान निकालना
सरकार और किसानों के संगठन आज यानी गुरुवार को अगले दौर की बातचीत करेंगे। सोम ने कहा हमें उम्मीद है कि बैठक सफल होगी। संवाद आयोजित करने का उद्देश्य समाधान खोजना है। सरकार किसानों के साथ बिंदुवार तरीके से चर्चा कर समाधान निकालेगी।
नई दिल्ली, एएनआइ। कृषि कानूनों को लेकर पंजाब से छिड़ी लड़ाई को अब कई अन्य राज्यों के किसानों का भी साथ मिल रहा है। दिल्ली का सफर तय करने निकले किसानों ने चारों से राजधानी को घेर रखा है।...और कहीं जगहों पर प्रकाशन में प्रवेश भी दिया है। वहीं, सरकार द्वारा किसानों को बातचीत के लिए बुलाया गया था। हालांकि, एक तरफ सरकार का कहना था कि बैठक सुखद रही, मगर दूसरी ओर किसानों ने इसे बेकार बताया। अगले दौर की मीटिंग आज यानी गुरुवार को होगी। इससे पहले किसानों से मुलाकात पर वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कुछ बातें कहीं। बता दें कि सोम पिछली बैठक में भी मौजूद थे। वह बैठक कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने नेतृत्व में हुई थी।
सोम ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि बैठक सफल होगी। संवाद आयोजित करने का उद्देश्य समाधान खोजना है। सरकार किसानों के साथ बिंदुवार तरीके से चर्चा कर समाधान निकालेगी। सरकार राष्ट्र के हित में खुले दिल से किसानों के साथ बातचीत करेगी।' वहीं, किसानों के प्रदर्शन में खालिस्तान समर्थक नारों पर उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग शांति और विकास चाहते हैं। असामाजिक बयान देने वाले कुछ लोग हो सकते हैं लेकिन हमें एक प्रगतिशील दृष्टिकोण रखना चाहिए और पंजाब के हित में बात करनी चाहिए।
बता दें कि नए कृषि सुधार कानूनों को खत्म करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वैधानिक गारंटी की मांगों को लेकर दिल्ली बार्डर पर डटे किसानों के साथ चौथे दौर की बैठक गुरुवार को है। सभी की निगाहें इस बैठक पर है। पिछली बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई थी। नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक पर कहा था, 'गुरुवार की बैठक में किसानों की चिंताओं पर चर्चा कर उनका समाधान किया जाएगा। सरकार इसके लिए तैयार है।' विज्ञान भवन में गुरुवार दोपहर 12 बजे होने वाली बैठक में कुल 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा ले सकते हैं। तोमर ने कहा, 'हम किसानों के साथ बैठक करेंगे जिसमें किसी हद तक समाधान हो सकता है।' सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं। लेकिन कोई दिक्कत है तो हम उनकी चिंताओं पर चर्चा करने को तैयार हैं।