भाजपा एपी का जाति प्रमाणपत्र मिला फर्जी, सांसद बने रहने पर सवालिया निशान
ज्ञानदेव सुल की अध्यक्षता और छाया गाडेकर और संतोष जाधव की सदस्यता वाली तीन सदस्यीय समिति ने अपने 20 फरवरी के आदेश में स्वामी के दावे को खारिज कर दिया
सोलापुर, आइएएनएस। महाराष्ट्र सरकार की जाति वैधता समिति ने सोमवार को सोलापुर से भाजपा सांसद जयसिद्धेश्वर शिवाचार्य स्वामी का जाति प्रमाणपत्र फर्जी बताकर खारिज कर दिया। इससे उनके इस सीट से सांसद बने रहने पर सवालिया निशान लग गया है।
ज्ञानदेव सुल की अध्यक्षता और छाया गाडेकर और संतोष जाधव की सदस्यता वाली तीन सदस्यीय समिति ने अपने 20 फरवरी के आदेश में स्वामी के दावे को खारिज कर दिया और जनवरी, 1982 में जारी उनके जाति प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया। समिति ने कहा कि स्वामी ने अपने चुनावी हलफनामे में फर्जी प्रमाणपत्र दाखिल किया था। समिति ने अक्कलकोट (सोलापुर) जिला प्रशासन को उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है।
पिछले साल जून में प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के नेता प्रमोद आर. गायकवाड़, विनायक बी. कांदकुरे और मिलिंद एम. मुले ने स्वामी के चुनावी हलफनामे पर सवाल उठाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद समिति ने स्वामी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। गायकवाड़ का दावा था कि स्वामी ने अपने जाति प्रमाणपत्र में खुद को 'बेडा जंगम' समुदाय का बताया था जो अनुसूचित जाति के तहत आते हैं जबकि उनका भतीजा योगेश्वर सिद्धमायला 'हिंदू बेडा जंगम' समुदाय से है जो अन्य पिछड़ा वर्ग में आते हैं।
गायकवाड़ का कहना था, 'एक ही परिवार के दो लोगों के पास अलग-अलग जाति प्रमाणपत्र कैसे हो सकते हैं। चुनाव आयोग को उन्हें अयोग्य करार देना चाहिए।' वीबीए अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि अगर यह मामला सही पाया गया तो उनकी पार्टी चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएगी। पिछले चुनाव ने स्वामी ने कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे और प्रकाश आंबेडकर को पराजित किया था।