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सबरीमालाः 'सास भी कभी बहू थी' की फोटो शेयर कर स्मृति ने लिखा - हम बोलेगा तो..

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश संबंधी अपने बयान के आलोचकों को जवाब दिया है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 10:22 PM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 12:42 AM (IST)
सबरीमालाः 'सास भी कभी बहू थी' की फोटो शेयर कर स्मृति ने लिखा - हम बोलेगा तो..
सबरीमालाः 'सास भी कभी बहू थी' की फोटो शेयर कर स्मृति ने लिखा - हम बोलेगा तो..

नई दिल्ली [जेएनएन]। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश संबंधी अपने बयान के आलोचकों को जवाब दिया है। वह भी अनोखे अंदाज में। उन्होंने गुरुवार को इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी एक तस्वीर साझा की है। इसमें उनका शरीर और मुंह बंधा है। कैप्शन में लिखा है-हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है..।

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आलोचकों को जवाब का उनका यह तरीका सोशल मीडिया पर चर्चा में है। कुछ लोग जहां इसकी आलोचना कर रहे हैं, तो कुछ ने जवाब देने के इस तरीके की तारीफ की है। स्मृति ईरानी ने जो तस्वीर साझा की है, वह अभी की नहीं है। वह उन दिनों की है जब वह टीवी सीरियलों में अभिनय करती थीं। 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' नामक उनका सीरियल काफी लोकप्रिय हुआ था। उसमें स्मृति ने तुलसी की मुख्य भूमिका निभाई थी। तस्वीर उसी सीरियल की है।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ने दो दिन पहले ही एक प्रोग्राम में कहा था कि माहवारी में महिलाएं जब खून से सना पैड लेकर दोस्त के घर नहीं जातीं तो भगवान के घर कैसे जा सकती हैं? उनके इसी बयान पर विवाद हो गया था। कई महिला संगठनों और विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- पूजा करना मेरा अधिकार है, लेकिन अपवित्र करना नहीं। एक कैबिनेट मंत्री होने के नाते सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नहीं बोल सकती। लेकिन, क्या आप खून से सने सैनिटरी पैड को लेकर अपने दोस्त के घर जाएंगी? नहीं न, तो आप उसे भगवान के घर में क्यों ले जाएंगी?

इस बयान पर विवाद के बाद स्मृति ने सफाई भी दी थी। उनका कहना था कि पारसी से शादी होने बाद उन्हें भी मुंबई के प्रार्थना स्थल फायर टेंपल (अगियारी) में जाने की इजाजत नहीं मिलती, लेकिन इस फैसले का वह सम्मान करती हैं। दरअसल, अगियारी में गैर पारसियों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर माहवारी वाली उम्र यानी 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने के बाद सबरीमाला मंदिर के कपाट सभी महिलाओं के लिए खोल दिए गए थे। इसके बावजूद मंदिर के गर्भगृह तक ऐसी महिलाओं को प्रवेश नहीं कराया जा सका। बाद में गत सोमवार को कपाट को बंद कर दिया गया। 


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