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कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर स्मृति ईरानी ने ममता बनर्जी पर बोला हमला, कहा- कितने दुष्कर्म तक चुप रहेंगी?

बंगाल सरकार की याचिका खारिज किए जाने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त करती हूं। प्रताड़ित घरों से निकाले मौत के घाट उतारे लोगों के लिए विश्वास जगा है कि उन्हें न्याय मिलेगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 05:19 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 07:12 PM (IST)
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर स्मृति ईरानी ने ममता बनर्जी पर बोला हमला, कहा- कितने दुष्कर्म तक चुप रहेंगी?
बंगाल सरकार की याचिका खारिज किए जाने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा के मुद्दे पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को समिति गठित कर जांच दिए जाने को सोमवार को कोलकाता हाईकोर्ट की पांच जजों की पीठ द्वारा ममता सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद भाजपा नेता और केंद्र सरकार में मंत्री स्मृति ईरानी ने बंगाल की ममता सरकार पर कड़ा हमला बोला।

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केंद्रीय मंत्री ने साधा ममता सरकार पर निशाना

स्मृति ईरानी ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि मैं अदालत का आभार व्यक्त करती हूं। इससे उन लोगों का न्याय पर विश्वास बढ़ेगा, जिन्हें परेशान किया गया, हत्या की गई और जिन महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया। ये पहली बार देखा गया कि सीएम लोगों को मरते हुए देख रही हैं क्योंकि उन लोगों ने उनको वोट नहीं दिया था। हमारे देश में पहली बार चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हजारों लोग अपने घरों और गांवों को छोड़कर जाना पड़ा है। कितने लोगों को ममता बनर्जी और टीएमसी से माफी मांग रहे हैं, वे धर्म परिवर्तन तक के लिए तैयार हैं।

बंगाल में चुनाव के बाद जैसी बर्बरता हुई, देश ने पहली बार देखा

ईरानी ने कहा कि बंगाल में महिलाओं को उनके घरों से निकालकर खुलेआम दुष्कर्म किया गया है, दलित और आदिवासी महिलाओं के साथ ये हुआ है। एक 60 वर्षीय महिला ने सुप्रीम कोर्ट पहुंची कि उसके छह साल के पोते के सामने उससे दुष्कर्म हुआ क्योंकि वह भाजपा कार्यकर्ता थी। उन्होंने कहा कि बंगाल में आम आदमी की सुरक्षा पर तो क्या कहा जाए जब केंद्रीय मंत्रियों की कारों पर पथराव होता है। मैं उन लोगों से सवाल करना चाहूंगी जो खुद को मानवाधिकार कार्यकर्ता कहते हैं, आखिर उन्होंने प्रेस क्लब के सामने दुष्कर्म की शिकार महिलाओं के लिए जुलूस क्यों नहीं निकाला।

बता दें कि बंगाल की ममता सरकार पर भाजपा काफी हमलावर है। वहीं बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य सरकार चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर उनकी सरकार का रुख अच्छा नहीं है।

उधर, भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि बंगाल सरकार असत्य बोल रही है, बंगाल में हिंसा हो रही है। उसके बाद भी सीएम कह रही हैं कि हिंसा नहीं हुई। हाई कोर्ट ने मानव अधिकार आयोग को कहा है कि एक टीम बनाएं और जहां हिंसा हुई है उसकी रिपोर्ट सीधे हाई कोर्ट को दें।


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