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ममता बनर्जी के CAA और NRC वाले बयान पर राजनीतिक बवाल, स्मृति ने बताया संसद का अपमान

ममता बनर्जी के नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर संयुक्त राष्ट्र द्वारा मॉनिटरिंग की मांग को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगी है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 01:09 PM (IST)Updated: Fri, 20 Dec 2019 01:09 PM (IST)
ममता बनर्जी के CAA और NRC वाले बयान पर राजनीतिक बवाल, स्मृति ने बताया संसद का अपमान

नई दिल्ली, पीटीआइ/एएनआइ। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मांग की है कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर जनमत संग्रह करवाया जाए, जिसकी मॉनिटरिंग संयुक्त राष्ट्र द्वारा हो। उनके इस बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी है। उनके इस टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इसे संसद का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी का ये बयान देश की संसद का अपमान है। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी ममता बनर्जी से अपना बयान वापस लेने के लिए कहा है। 

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हिंसक तत्वों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई: स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि Citizenship Amendment Act भारत के किसी भी नागरिक के अधिकारों को नहीं छीनता है। जो लोग हिंसक तत्वों को समर्थन प्रदान कर रहे हैं, मैं राज्य सरकारों से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील करती हूं।

तनावग्रस्त है ममता: जी. किशन रेड्डी

गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने ममता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस का आधार खिसक रहा है, इसीलिए वह तनावग्रस्त है और वह जो कह रही है वह उन्हें भी नहीं पता। यह एक सीएम का गैरजिम्मेदाराना बयान है।

  

राज्यपाल बोले ममता वापस लें बयान

राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीएम ममता बनर्जी से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और एनआरसी पर संयुक्त राष्ट्र से जनमत संग्रह कराने वाले बयान को वापस लेने की अपील की है। धनखड़ ममता के बयान के खिलाफ गुरुवार को ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि देश के नागरिक के रूप में वे सुश्री बनर्जी के बयान से काफी दुखी व आहत हैं और उम्मीद करते हैं कि मुख्यमंत्री उनकी अपील पर निश्चित रूप से ध्यान देंगी क्योंकि राष्ट्रवाद से किसी को भी समझौता नहीं करना चाहिए।

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि मैं अनुरोध करता हूं कि कृपया अपना बयान वापस लें। उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग निष्पक्ष संगठन है और ममता बनर्जी को ये कहना चाहिए कि कितने लोग इसके पक्ष में है और कितने विपक्ष में हैं इसका जनमत हो। कभी भी हमें अपने राष्ट्रवाद से समझौता नहीं करना चाहिए। 


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