स्मृति ने संसद में कहा- कानपुर की दशकों से बंद पड़ी कपड़ा मिलों के चलने की संभावना खत्म
नीति आयोग ने कानपुर की दशकों से बंद पड़ी ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन और नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन की मिलों की संपत्तियों को बेचने की सिफारिश की गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कपड़ा उत्पादन के लिए उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहे जाने वाले कानपुर की दशकों से बंद पड़ी कपड़ा मिलों के दोबारा शुरु होने की संभावना लगभग समाप्त हो गई है। ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन और नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन की मिलों की संपत्तियों को बेचने की सिफारिश की गई है।
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी ने माना कि कानपुर की बीआईसी और एनटीसी की मिलों के पुनरोद्धार की सभी कोशिशें नाकाम रही हैं। नीति आयोग ने इन मिलों के विनिवेश की सिफारिश भी की है।
टेक्सटाइल मंत्री ईरानी राज्यसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान पूछे सवालों का जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के पुनरोद्धार के लिए सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है। कानपुर के टेक्सटाइल उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने मंत्रालय से 'निट वियर सेक्टर' को लेकर विशेष प्रयास करने की मांग की।
मंत्रालय ने देश भर में बुने हुये कपड़े बनाने वाले उद्योगों के लिये 'निट वियर स्कीम' बनायी है। इसमें कानपुर के टेक्सटाइल्स उद्योग के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। मंत्रालय इस योजना को कानपुर सहित अन्य क्षेत्रों में लागू करने पर काम कर रहा है।
एक पूरक सवाल के जवाब में कपड़ा मंत्री ईरानी ने कहा कि मंत्रालय ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन (बीआईसी) की मिलों को चलाने का पिछली सरकार में प्रयास किये गये, लेकिन वे प्रयास सफल नहीं हुए। बीआईसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जिसमें लाल इमली और धारीवाल जैसे लोकप्रिय ब्रांड के कपड़ों का उत्पादन करती हैं। इसकी कानपुर सहित अन्य इलाकों में कपड़ा मिलें हैं।
ईरानी ने कहा 'पिछली सरकार और मौजूदा सरकार में अत्याधुनिक तकनीक और मशीनरी की उपलब्धता की चिंता को भी दूर करने के भरसक प्रयास किये गये। लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद नीति आयोग के एक पैनल ने बीआईसी के पुनरुद्धार के सतत प्रयास नाकाम रहने की वजह से इसके विनिवेश का सुझाव दिया है।'
एक अन्य पूरक सवाल के जवाब में कपड़ा मंत्री ईरानी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में वित्तीय समस्याओं और श्रम संबंधी अड़चन के चलते देश की ज्यादातर कपड़ा मिलें बंद हुईं। ईरानी ने बताया कि वस्त्र उद्योग के उन्नयन के लिए एकीकृत वस्त्र पार्क योजना (एसआईटीपी) सहित अन्य योजनाओं के तहत 59 वस्त्र पार्क मंजूर किए गए हैं।
ईरानी ने बताया कि इनमें से 22 पार्क 780.22 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता से पूरे किये जा चुके हैं। इसके लिए नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया गया है। इनमें अब तक 80 हजार से अधिक लोगों लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित किये गये।
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