कश्मीर में तेजी से सामान्य हो रहे हालात, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की टीम ने बताई जमीनी हकीकत
टीम का नेतृत्व कर रहे MRM के राष्ट्रीय प्रवक्ता यासिर जिलानी ने बताया कि वहां हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। कमोबेश सभी दुकानें खुल रही हैं।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद घाटी में हालात असामान्य होने का दावा कर रहे कुछ राजनीतिक दलों और मानवाधिकार संगठनों से इतर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने घाटी में हालात तेजी से सामान्य होने की बात कही है। एमआरएम का पांच सदस्यीय दल छह दिन तक श्रीनगर से लेकर अनंतनाग, सोनमर्ग, गुलमर्ग, बारामुला, कुपवाड़ा व गांदरबल समेत घाटी के कई इलाकों में गया और वहां लोगों से मुलाकात कर हालात समझने की कोशिश की।
टीम डल लेक से लेकर डाउन टाउन पीरबाग व लाल चौक जैसे श्रीनगर के अंदरूनी इलाकों में भी गई। यह टीम एमआरएम के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार के निर्देश पर 28 सितंबर को घाटी पहुंची थी और 4 अक्टूबर को वापस आई है। टीम कश्मीर पर एक रिपोर्ट जल्द केंद्र सरकार को सौंपेगी।
टीम का नेतृत्व कर रहे MRM के राष्ट्रीय प्रवक्ता यासिर जिलानी ने बताया कि वहां हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। कमोबेश सभी दुकानें खुल रही हैं। लोग बिना डर-भय के खरीदारी कर रहे हैं। सड़कों पर वाहन निकल रहे हैं।
शादी समारोहों में नहीं आ रही दिक्कत
हालात यह कि प्रमुख मार्गो पर जाम की स्थिति बन जा रही है। शादी से लेकर अन्य समारोहों के आयोजन में कोई दिक्कत नहीं आ रही है। इतना ही नहीं वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों से स्थानीय निवासियों के संबंध दोस्ताना ही है। टीम कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्रों से मिला तो गांदरबल में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी मिला। श्रीनगर के न्यू सर सैयद कॉलोनी में तो दिल्ली से आने की जानकारी मिलने पर वहां के लोगों ने गर्मजोशी से कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई थी।
युवों में दिखी बदलाव की बयार
जिलानी ने बताया कि बातचीत में युवाओं में बदलाव की बयार दिखी। उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह पर विश्वास दिखा। वे चाहते हैं कि वह पढ़ाई और नौकरी के लिए दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जाने की जगह उन्हें यह इंतजाम अपने राज्य में ही मिले। हालांकि, वे मोबाइल सेवा बंद होने से परेशान हैं और जल्द इंटरनेट व सभी मोबाइल फोन पर बातचीत की सुविधा चाहते हैं।
खुद वहां के लोगों ने बताया कि अब भी घाटी में केबल नेटवर्क से कुछ पाकिस्तानी चैनलों का प्रसारण हो रहा है। इसी तरह कुछ लोग हैं जो सुनियोजित तरीके से अफवाहों को हवा देने में जुटे हैं। गांदरबल में स्थानीय लोगों से मुलाकात के बीच कुछ ऐसे ही लोग मिले। चंद लोग हैं जो आजादी की बात कह रहे हैं पर रोडमैप के सवाल पर उनके पास भी कोई जवाब नहीं है।
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