सिब्बल ने कहा- चुनाव आयोग लोकतंत्र को कमजोर करने के षड्यंत्र में शामिल
सिब्बल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 2014 में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के लिए सड़क पर उतरने तक का ऐलान किया था मगर अब वे इन मामलों पर चुप हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुजरात के मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासामा का चुनाव रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए चुनाव आयोग पर लोकतंत्र को कमजोर करने के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग और सरकारें चुनावी नतीजों को प्रभावित करने से लेकर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने के भ्रष्ट आचरण में गले तक डूबी हैं।
हाईकोर्ट के फैसले में भ्रष्ट तरीके से चुनाव नतीजे को प्रभावित करने की बात साफ हो गई
चुडासामा की विधायकी को अवैध ठहराने के फैसले पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले में भ्रष्ट तरीके से चुनाव नतीजे को प्रभावित करने की बात साफ हो गई है। अदालत ने रिटर्निग आफिसर को प्रभावित किए जाने की बात मानी है। इन आधारों पर चुनाव रद्द किये जाने से साफ है कि चुनाव आयोग के अधीन यह षड्यंत्र हुआ।
सिब्बल ने कहा- चुडासामा मामले में आयोग का भ्रष्ट आचरण साफ दिखता
सिब्बल ने कहा कि दिसंबर 2017 में हुए इस चुनाव में नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए पोस्टल बैलेट की गिनती पहले की बजाय आखिर में की गई। यही नहीं 1356 पोस्टल बैलेट में से 429 को रद्द किया गया जो कि कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में थे और चुडासामा की 327 वोटों से जीत घोषित कर दी गई। हाईकोर्ट ने इन तथ्यों को सही पाया है। सिब्बल ने कहा ऐसे में आयोग का भ्रष्ट आचरण साफ दिखता है क्योंकि रिटर्निग आफिसर चुनाव के दौरान उसके अधीन होता है।
सिब्बल ने कहा- भाजपा खरीद-फरोख्त के जरिये सरकारों को गिरा देती है
उन्होंने कहा कि बीते सालों में साफ देखा गया है कि जहां भाजपा के उम्मीदवार कम मतों के अंतर से पीछे होते हैं तो वहां ऐसा ही खेल कर चुनाव जिता दिया जाता है। इसी तरह राज्यों से सत्ता चली जाती है तो भाजपा सियासी दांव-पेंच और संस्थाओं के दुरुपयोग ही नहीं बल्कि खरीद-फरोख्त के जरिये कांग्रेस की सरकारों को गिरा देती है और मध्यप्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड जैसे उदाहरण सामने हैं।
सिब्बल ने कहा- कोरोना की तरह भ्रष्टाचार भी एक बड़ी महामारी
चुनाव आयोग के साथ सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिये लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए सिब्बल ने कहा कि कोरोना की तरह भ्रष्टाचार भी एक बड़ी महामारी है। चुनाव आयोग में जब चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने गड़बडि़यों के खिलाफ आवाज उठाते हुए कुछ प्रतिकूल टिप्पणियां की तो उनके और परिवारजनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई।
सिब्बल ने कहा- मोदी यदि भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहते हैं तो चुडासामा को भाजपा से निकालें
सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के लिए सड़क पर उतरने तक का ऐलान किया था मगर अब वे इन मामलों पर चुप हैं। इसलिए पीएम से फिर कहेंगे कि यदि भ्रष्टाचार को दिल से खत्म करना चाहते हैं तो चुडासामा को तत्काल पार्टी से निकाल दें और हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील न करने का आदेश दें।