किसान आंदोलन वाले इलाके ने शिवराज का किया खुले दिल से स्वागत
किसान आंदोलन के बाद मंदसौर/नीमच जिले के जो इलाके भाजपा सरकार की परेशानी का कारण बने थे, उन इलाकों ने शिवराज सिंह चौहान का खुले दिल से स्वागत किया।
नईदुनिया (ऋषि पांडे)। जून 2017 के किसान आंदोलन के बाद मंदसौर/नीमच जिले के जो इलाके भाजपा सरकार की परेशानी का कारण बने थे, उन इलाकों ने रविवार को सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का दिल से स्वागत किया। चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा को इस क्षेत्र में जो समर्थन मिला, वह गौर करने लायक रहा।
चौहान ने रविवार को यात्रा का राजनीतिक उपयोग प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा उन्हें मदारी कहे जाने का जवाब देने के लिए किया। उन्होंने लगभग हर सभा में खुद को जनता के चेहरे पर मुस्कान लाने वाले, गरीबों का बिजली माफ करने, लाडली लक्ष्मी योजना लागू करने वाला मदारी बता कर कांग्रेस की जमकर खिल्ली उड़ाई। पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के गृह ग्राम कुकड़ेश्वर से शुरू हुई यह यात्रा पिपलिया मंडी आते-आते चार से पांच घंटे लेट थी। इसके बावजूद सड़कों पर लोगों का हुजूम जमा रहा।
मनासा, जावद, नीमच, मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने कई सभाएं लीं। ज्यादातर सभाएं अपने अत्याधुनिक रथ से संबोधित की। चार-पांच जगह उन्होंने मंच पर पहुंचकर बड़ी सभाओं को भी संबोधित किया। चौहान की यात्रा 14 जुलाई से शुरू हुई है। 25 सितंबर को इसका समापन होना है। इस दौरान वे लगभग सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके होंगे।
मुख्यमंत्री रविवार को नीमच और मंदसौर की चार विधानसभा सीटों पर अपनी जन आशीर्वाद यात्रा लेकर पहुंचे। कुकडेश्वर से मल्हारगढ़ की पिपलियामंडी तक पहुंचते-पहुंचते वे चार से पांच घंटे विलंब से थे। इसके बावजूद उनके काफिले के साथ चलने वाले दोपहिया और चार पहिया वाहनों की तादात में कमी नहीं आई। मुख्यमंत्री चौहान अपनी सभा में संबल योजना पर सबसे ज्यादा जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह महज यात्रा नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी बदलने का अभियान है। इसके जरिये वे गरीबी खत्म करने निकले हैं। हर सभा में वे जनता से कनेक्ट होते हैं और अपने सवालों पर उनसे जवाब मांगते हैं।कई गांवों से जन आशीर्वाद का रथ जब गुजरा तो सड़क के दोनों किनारे खड़े बच्चे मामा-मामा चिल्लाते देखे गए।
किसानों को भी दिया भरोसा
शिवराज अपनी सभा में किसानों को भी आश्वासन देते हैं कि वे चिंता न करें, सरकार उनका घाटा नहीं होने देगी। लहसुन प्याज की फसलों का पैसा उनके खातों में 31 अगस्त तक पहुंच जाएगा। कुकडेश्वर से लगाकर पिपलिया मंडी तक के मार्ग में ऐसे हिस्से कम ही आए, जहां भीड़ न खड़ी दिखी। सीएम इसे उनके प्रति जनता का स्नेह मानते हैं। ज्यादा भीड़ दिखते ही वे अत्याधुनिक रथ में लगी लिफ्ट के सहारे बस की छत पर पहुंचकर दोनों हाथों से जनता को अभिवादन करने से नहीं चूक रहे थे। कभी हाथ हिलाकर, कभी नमस्ते कर तो छोटे बच्चों की ओर फ्लाइंग किस उछालकर कर।