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    MVA Crisis: एकनाथ शिंदे ने महा विकास आघाड़ी पर साधा निशाना, कहा- मुंबई धमाके, दाउद इब्राहिम से जुड़े लोगों को कैसे समर्थन?

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Mon, 27 Jun 2022 06:29 AM (IST)

    शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने महा विकास आघाड़ी पर निशाना साधा है। एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है जिनका मुंबई बम विस्फोट के दोषियों दाऊद इब्राहिम से सीधा संबंध था।

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    शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने महा विकास आघाड़ी पर निशाना साधा

    नई दिल्‍ली, एएनआइ। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने महा विकास आघाड़ी पर निशाना साधा है। इसके जरिए उन्‍होंने कांग्रेस और राकांपा पर आड़े हाथों न लि‍या है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है जिनका मुंबई बम विस्फोट के दोषियों, दाऊद इब्राहिम और मुंबई के निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए जिम्मेदार लोगों से सीधा संबंध था। इसलिए हमने ऐसा कि कदम उठाया, मरना ही बेहतर है। ज्ञात हो कि महाराष्‍ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक मुंबई ब्‍लास्‍ट के गुनहगार दाउद इब्राहिम से जुड़े लोगों से जमीन खरीदने के मामले में इन दिनों ईडी की हिरासत में हैं।

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    एकनाथ शिंदे ने बार-बार कहा कि शिवसेना को महा विकास आघाड़ी के साथ सरकार नहीं बनानी चाहिए। बल्कि हिंदुत्‍व को आगे बढ़ाने भाजपा के साथ सरकार बनानी चाहिए। वह इसी जिद पर अड़े हैं। शिवसेना से बगावत करते हुए वह पहले गुजरात के सूरत गए, फिर इन दिनों शिवसेना के अन्‍य बागी नेताओं के साथ असम के गुवाहाटी में हैं। शिवसेना के अन्‍य सेना भी महा विकास आघाड़ी के बजाय भाजपा के साथ सरकार बनाने को लेकर सहमत हैं।

    संजय राउत ने निशाना साधा शिवसेना नेता

    संजय राउत पार्टी में बगावत के बाद से ही बागियों पर निशाना साधते आ रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि कब तक रहोगे गुवाहाटी में, कभी तो आओगे चौपाटी में। उन्होंने बागियों को मृतदेह तक करार दे दिया है। राउत ने रविवार को उपनगर दहिसर की शिवसेना रैली को संबोधित करते हुए एक बार फिर महाराष्ट्र के विभाजन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भाजपा महाराष्ट्र को तोड़ना चाहती है।

    आपको बता दें कि बागी विधायकों द्वारा बार-बार यह आरोप लगाया जा रहा है कि सत्ता में राकांपा की साझेदारी के कारण उन्हें सम्मान नहीं मिल पा रहा है। सत्ता का सारा लाभ राकांपा उठा रही है, सिर्फ मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास है। वास्तव में 2019 में शिवसेना के नेतृत्व में सरकार बनाने का फैसला करनेवाले शरद पवार ने इसलिए ही उद्धव ठाकरे को पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनने का न्यौता दिया था, ताकि वह मुख्यमंत्री पद के लालच में कहीं हिल न सकें।