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शिवसेना विधायकों ने उठाई नीतेश राणे के निलंबन की मांग, विधानसभा में हंगामा

Maharashtra assembly News महाराष्ट्र विधानसभा में आज शिवसेना विधायकों ने भाजपा विधायक नीतेश राणे के निलंबन की मांग उठाई। इस मांग पर शिवसेना विधायकों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 27 Dec 2021 09:12 PM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 08:09 AM (IST)
भाजपा विधायक नीतेश राणे के निलंबन की मांग

 राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में आज शिवसेना विधायकों ने भाजपा विधायक नीतेश राणे के निलंबन की मांग उठाई। इस मांग पर शिवसेना विधायकों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी। शिवसेना विधायक सुहास कांदे ने सोमवार को यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले सप्ताह जब राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे विधानभवन परिसर में प्रवेश कर रहे थे, तब वहां बैठे नीतेश राणे ने उन्हें देखकर म्याऊं की आवाज निकाली। आदित्य ठाकरे एक सम्मानित व्यक्ति हैं। उन्होंने नीतेश की बातों पर ध्यान नहीं दिया। वह चुपचाप चले गए। लेकिन हम अपने नेता का इस प्रकार अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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कांदे ने कहा कि सभी सदस्य इस पर एकमत हैं कि नेताओं के खिलाफ अभद्र आचरण की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसलिए राणे या तो सदन में माफी मांगें या फिर उन्हें निलंबित किया जाए। शिवसेना के एक अन्य विधायक सुनील प्रभु ने भी कांदे का समर्थन किया। एक अन्य सदस्य भास्कर जाधव ने तो नीतेश राणे को स्थायी रूप से निलंबित करने की मांग की। इस मुद्दे पर शिवसेना विधायकों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

कार्यवाही पुनः शुरू होने के बाद नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने नीतेश राणे के इस आचरण पर उन्हें फटकार लगाने का आश्वासन देते हुए कहा कि सदन के बाहर हुई घटना के लिए एक सदस्य को निलंबित करना उचित कदम नहीं होगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने भी सदन के बाहर हुई इस घटना पर सदन के भीतर हो रही चर्चा के प्रति विरोध जताया। बता दें कि नीतेश राणे केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के पुत्र हैं। वह अक्सर आदित्य ठाकरे सहित ठाकरे परिवार पर टिप्पणियां करते रहते हैं। पीठासीन अधिकारी ने दोनों पक्षों की बात सुनकर कहा कि वह मंगलवार को सभी दलों के सदस्यों के साथ इस मुद्दे पर विचार करेंगे। ताकि इस प्रकार की घटनाओं का दोहराव न हो सके।

ओबीसी आरक्षण पर फैसले तक निकाय चुनाव नहीं

महाराष्ट्र विधानमंडल ने आज सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित कर दिया कि जब तक अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं दिया जाता, तब स्थानीय निकाय चुनाव स्थगित कर दिए जाएं। यह प्रस्ताव सोमवार उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पेश किया, और इसका समर्थन नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने किया। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने छह दिसंबर को दिए अपने आदेश में महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों की उन सीटों पर चुनाव पर रोक लगा दी थी, जहां ओबीसी के लिए 27 फीसद आरक्षण है। कोर्ट ने अन्य सीटों पर चुनाव प्रक्रिया जारी रखने के आदेश दिए थे। आज विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित होने के बाद विधान परिषद में भी सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया।


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