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बाजवा के बयान के बाद फिर शुरू हुई 'बोली-गोली' पर बहस, शिवसेना ने सरकार से पूछा सवाल

शिवसेना का कहना है कि पाकिस्तान के साथ हमको जो व्यवहार करना चाहिए, वो बोली का नहीं बल्कि गोली का होना चाहिए।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 11:11 AM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 11:33 AM (IST)
बाजवा के बयान के बाद फिर शुरू हुई 'बोली-गोली' पर बहस, शिवसेना ने सरकार से पूछा सवाल
बाजवा के बयान के बाद फिर शुरू हुई 'बोली-गोली' पर बहस, शिवसेना ने सरकार से पूछा सवाल

नई दिल्ली (एएनआइ)। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बयान के बाद एक बार फिर 'बोली' और 'गोली' की बहस तेज हो गई है। शिवसेना का कहना है कि पाकिस्तान के साथ हमको जो व्यवहार करना चाहिए, वो बोली का नहीं बल्कि गोली का होना चाहिए। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत पाकिस्तान की तरफ भारत के रुख को लेकर भी सरकार से सवाल पूछा है।

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संजय राउत सरकार के पाकिस्तान को लेकर दिए गए पुराने बयानों का हवाला देते हुए पूछा, 'अब इस सरकार के पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। जब आपने वोट मांगे थे, तो आपने इसका वादा किया था और हमने आपके लिए तालियां भी बजाई थीं। लेकिन अब वो शक्ति कहां है? पाकिस्तान के साथ हमको जो व्यवहार करना चाहिए, वो बोली का नहीं, बल्कि गोली का होना चाहिए।'

पाकिस्तान के सेना प्रमुख की धमकी का जिक्र करते हुए राउत ने कहा, 'जिस तरह से पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने धमकी दी है, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से इसके बारे में पूछा जाना चाहिए। चुनाव से पहले, भाजपा और पीएम ने कहा था कि वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत का हिस्सा बना देंगे। हम इसके बारे में प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं।'

बता दें कि शिवसेना की ओर से यह बयान बाजवा की भारत को दी गई धमकी के बाद आया है। दरअसल, बाजवा ने भारत को गीदड़ भभकी देते हुए कहा था कि सरहद पर जो लहू बहा है और जो बह चुका है उसका बदला लेंगे। उन्होंने यह बयान छह सितंबर को पाकिस्तान के रक्षा दिवस पर आयोजित डिफेंस डे सेरेमनी में दिया था। उनके इस बयान की भारत में कड़ी निंदा की गई। हालांकि एक तरफ पाक के सेना प्रमुख लहू बहाने की बात करते दिखे, तो दूसरी ओर पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान यह कहते नजर आए कि हम जंग के खिलाफ है।


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