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'हर सफल आदमी के पतन के पीछे महिला का हाथ, अच्छा रहा मैं #MeToo में नहीं फंसा'

Shatrughan Sinha on ,Me-Too: शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, मुझे लगता है कि मैं भाग्यशाली रहा हूं कि मैंने जो कुछ भी किया, उसके बावजूद मेरा नाम ,MeToo में नहीं आया।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 10:50 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 10:50 AM (IST)
'हर सफल आदमी के पतन के पीछे महिला का हाथ, अच्छा रहा मैं #MeToo में नहीं फंसा'

मुंबई, एएनआइ। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने #MeToo अभियान को लेकर ऐसा बयान दे दिया है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। शत्रुघ्न सिन्हा ने इस बात पर तसल्ली जताई कि वे #MeToo में नहीं फंसे। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि मैं भाग्यशाली रहा हूं कि मैंने जो कुछ भी किया, उसके बावजूद मेरा नाम #MeToo में नहीं आया।' इतना ही नहीं, उन्होंने ये तक कह दिया कि #MeToo अभियान के दौर में हर सफल आदमी के पतन के पीछे एक महिला है। हालांकि बाद में उन्होंने अपनी हर बात को मजाक का नाम दे दिया।

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'हर सफल आदमी के पतन के पीछे महिला का हाथ'

दरअसल, बुधवार को मुंबई में एक बुक लॉन्च के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा #MeToo अभियान पर बोलते दिखे। इस दौरान उन्होंने कहा, '#MeToo के युग में यह कहने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए कि हर सफल आदमी के पतन के पीछे भी एक महिला का हाथ होता है। मुझे लगता है कि मैं भाग्यशाली रहा हूं कि मैंने जो कुछ भी किया, उसके बावजूद मेरा नाम #MeToo में नहीं आया।'

फिर खुद को किया स्पष्ट, कहा- सही भाव समझें

इसके बाद उन्होंने खुद को स्पष्ट करते हुए आगे कहा कि वह #MeToo अभियान का मजाक नहीं बना रहे हैं और उनकी टिप्पणी को सही भाव से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मेरे कही बात को अन्यथा न लें। कृपया इसे सही भाव में लें। मैं उन महिलाओं की बहुत सराहना करता हूं, जो आगे बढ़कर आईं। मैं उनके साहस और हिम्मत को सलाम करता हूं।' बता दें कि सिन्हा ने यह सब बात लेखक ध्रुव सोमानी की कितान 'ए टच ऑफ एविल' के विमोचन के मौके पर कही।

तनुश्री-नाना मामले के बाद #MeToo ने दी दस्तक

गौरतलब है कि अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने अभिनेता नाना पाटेकर पर 2008 में बनी फिल्म हॉर्न ओके प्लीज की शूटिंग के दौरान यौन शोषण का आरोप लगाया था। भारत में इस मामले के बाद ही #MeToo आंदोलन की हवा तेज हुई। जिसके बाद न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री बल्कि राजनीति से लेकर तमाम संस्थानों में काम करने वाली महिलाएं अपने साथ हुए शोषण के मामले को लेकर सामने आईं। केंद्रीय राज्यमंत्री रहे एमजे अकबर को भी मी टू अभियान का खामिजाया भुगतना पड़ा। उनपर एक महिला पत्रकार ने यौन शोषण का आरोप लगाया था, उस वक्त वे एक फेमस मीडिया संस्थान के संपादक थे।


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