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सुशांत डेथ केस की सीबीआइ जांच पर शरद पवार का बड़ा बयान- बस दाभोलकर मामले जैसा ना हो...

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने साथ ही कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार सुशांत जांच में सीबीआई का सहयोग करेगी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 02:01 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 02:18 PM (IST)
सुशांत डेथ केस की सीबीआइ जांच पर शरद पवार का बड़ा बयान- बस दाभोलकर मामले जैसा ना हो...

मुंबई, आइएएनएस। सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। सीबीआइ अब इस मामले में आगे की जांच करेगी। सुशांत सिंह राजपूत मौत के मामले की सीबीआइ जांच पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। एनसीपी चीफ शरद पवार ने एक शक्तिशाली टिप्पणी में कहा और उन्होंने जताई कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला, 2013 के नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड की जांच जैसा नहीं होना चाहिए जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अब तक नहीं सुलझा पाई है।

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दिवंगत विरोधी कार्यकर्ता दाभोलकर को उनकी 7 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एनसीपी सुप्रीमो ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार सुशांत जांच में सीबीआई का सहयोग करेगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुशांत मामले की जांच को सीबीआई को सौंपे जाने के फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में शरद पवार ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सुशांत मामले की जांच, दाभोलकर हत्या मामले की तरह नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने 2014 में जांच शुरू की थी, लेकिन आज तक कोई निर्णायक नतीजा नहीं निकला है।

क्या है दाभोलकर हत्या मामला ?

जाने-माने बुद्धिवादी और महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (MANS) के संस्थापक नरेंद्र दाभोलकर(Narendra Dabholkar) को 20 अगस्त 2013 की सुबह उनके पुणे स्थित घर के पास गोली मार दी गई थी। इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका का संज्ञान लिया और 2014 में इसे सीबीआई को जांच के लिए सौंप दिया।हालांकि राज्य पुलिस द्वारा जांच पर कोई संदेह नहीं उठाया गया था।

इसके अलावा एक बयान में दिवंगत दाभोलकर के बच्चे, भाई-बहन हमीद और मुक्ताने ने तर्क दिया कि सात साल बाद भी दाभोलकर की हत्या एक रहस्य है।उन्होंने कहा था कि यह बेहद दुखद है कि सीबीआई जैसी एजेंसी जांच पूरी नहीं कर पाई है। उन्होंने सीबीआई से भी साजिश के मास्टरमाइंडों का पता लगाने का आग्रह किया अन्यथा तर्कवादी विचारकों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के लिए खतरा बना रहेगा।


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