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शरद पवार बोले, लोकसभा चुनावों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन की संभावना नहीं

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर चुनाव पूर्व विपक्षी गठबंधन की संभावना नहीं है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 06:51 PM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 12:53 AM (IST)
शरद पवार बोले, लोकसभा चुनावों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन की संभावना नहीं
शरद पवार बोले, लोकसभा चुनावों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन की संभावना नहीं

मुंबई, पेट्र। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर चुनाव पूर्व विपक्षी गठबंधन की संभावना नहीं है, लेकिन वह कोशिश करेंगे कि सत्‍ताधारी एनडीए को हराने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को एक प्‍लेटफोर्म पर लाया जाए।

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उन्‍होंने कहा कि अगर लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार को पर्याप्‍त सीटें नहीं आती हैं तो जिस विपक्षी पार्टी के पास ज्‍यादा सीटें आएंगी, वह प्रधानमंत्री पद के लिए दावा कर सकेगा। उन्‍होंने कहा कि मुझे देश में एक समान राष्ट्रीय गठबंधन की संभावना नहीं दिख रही है क्योंकि जमीनी धरातल पर हर राज्य की राजनीतिक स्थिति अलग है। मैं विभिन्‍न पार्टियों को एक प्‍लेटफार्म पर लाने के लिए बातचीत कर रहा हूं।

पूर्व रक्षा मंत्री और महाराष्‍ट्र के दिग्‍गज नेता शरद पवार ने कहा कि देश की मौजूदा स्थितियां 2004 जैसी दिख रही हैं। मेरा मानना है कि दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार में बदलाव आएगा। कोई भी अकेली पार्टी विकल्प प्रदान नहीं कर सकती है। मुझे नहीं लगता है कि लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री होंगे।

उन्‍होंने कहा कि कोई भी सोच नहीं सकता कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन उन्‍होंने देश को 10 साल की स्‍थायी सरकार दी। एनसीपी प्रमुख ने कहा कि देश और भाजपा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कद पीएम नरेंद्र मोदी से काफी बड़ा था। फिर भी बदलाव आया है। राजनीति में कभी शून्‍यता की स्थिति नहीं रहती है। राजनीति में फिर विकल्प पैदा होगा।

भाजपा के किसी व्‍यक्ति को समर्थन नहीं करुंगा  
उनसे पूछा गया कि अगर सत्‍ता बरकरार रखने के लिए महाराष्‍ट्र के रहने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार होते हैं तो क्‍या एनसीपी उनका समर्थन करेगी तो पवार ने कहा कि मैं भाजपा के किसी भी व्‍यक्ति का समर्थन नहीं करुंगा। उन्‍होंने कहा कि एचडी देवगौड़ा और आईके गुजराल जैसे नेता संयोगवश प्रधानमंत्री बने थे।  

सरकार बदलने पर है ज्‍यादा जोर

पूर्व वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम के बयान पर कि राहुल गांधी कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार नहीं होंगे के बारे में उन्‍होंने कहा कि जो चिदंबरम ने कहा, यह कांग्रेस पार्टी का दृष्टिकोण था। उन्‍होंने कहा कि राहुल गांधी से अब तक की सभी बातचीत के दौरान मैंने महसूस किया कि उनका प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवारी के लिए जोर नहीं है, सरकार का बदलाव प्रमुख मुद्दा है।

पवार से पूछा गया कि क्‍या 2019 का लोकसभा चुनाव मोदी बनाम गांधी के रूप में बदलने की कोशिश है, उन्‍होंने कहा कि यह भाजपा की रणनीति है, जो अब काम नहीं करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रीय स्तर के गठबंधन नहीं करने का नुकसान होगा, इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे कोई नुकसान नहीं होगा। हमें आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के प्रभुत्व को स्वीकार करना होगा। चुनाव के बाद तस्‍वीर स्‍पष्‍ट होगी कि कौन गठबंधन का नेतृत्‍व करेगा। जिसके पास सबसे ज्‍यादा सीटें आएंगी, वह गठबंधन का नेतृत्‍व करेगा।

वर्तमान सरकार अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी
उन्‍होंने अपनी पार्टी के कांग्रेस में विलय की सभावनाओं को खारिज किया। मोदी सरकार के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर उन्‍होंने कहा कि सरकार ने लोगों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया। 2014 में जो वादा किया गया, चार साल बाद वह जमीनी धरातल पर नहीं दिखाई दे रहा है।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने अपनी तरफ से अच्‍छी सरकार देने की बेहतरीन कोशिश की। उनका उद्देश्‍य बेहतर था। वह वर्तमान में नहीं दिखाई दे रहा है। पवार ने कहा कि अगर वर्तमान सरकार प्रभावी होती तो सीबीआई में उच्चतम स्तर पर रिश्वत का मामला नहीं होता। उन्‍हें (प्रधानमंत्री) इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि नरेंद्र मोदी भाजपा के मजबूत नेता हैं लेकिन देश के लिए ऐसा नहीं हैं।

राफेल मुद्दे पर जेपीसी जांच हो
राम मंदिर के लिए कानून बनाने की मांग के बारे में केंद्र सरकार पर हमला करते हुए पवार ने कहा कि इस मांग का मतलब है कि विकास का मु्द्दा फेल हो गया है। पवार ने राफेल डील मामले में केंद्र पर हमला किया और उन्‍होंने फ्रांस के साथ सौदे की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा करने की मांग की। उन्‍होंने कहा कि इस मामले में शंका की गुंजाइश है, इसलिए मामले की जांच जेपीसी से करनी चाहिए।

बोफर्स मामले में जेपीसी की मांग को लेकर भाजपा ने तीन हफ्ते के लिए संसद को ठप कर दिया था, अब जब वह सत्‍ता में है जो जेपीसी का विरोध क्‍यों कर रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि राहुल गांधी द्वारा राफेल डील में आरोप लगाए जाने के मामले में भ्रष्टाचार है, इस पर पवार ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं इतना जानता हूं कि लड़ाकू विमान भारत के लिए अच्‍छा है। इस मामले में भ्रष्‍टाचार की जानकारी मुझ से ज्‍यादा राहुल गांधी को है।


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