शरद पवार ने कहा- शिवसेना नेता राउत को नहीं देना चाहिए था इंदिरा गांधी पर बयान
पवार ने कहा कि मैं किसी नेता को यह सलाह देने नहीं जा रहा हूं कि वे ऐसी विवादास्पद टिप्पणियों से दूर रहें।
नासिक, आइएएनएस। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत की टिप्पणी से उठे विवाद में पड़ने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं इस विवाद में नहीं पड़ना चाहता हूं। मैं खुद को राउत के बयान से अलग रखता हूं। मुझे लगता है कि उनको भी इंदिरा गांधी के बारे में कोई बयान नहीं देना चाहिए था। बहरहाल, अब जबकि उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है, तो विवाद भी खत्म हो गया है।
राजनीतिक दलों के नेताओं को हर समय हर तरह के लोगों से मिलना पड़ता है- पवार
राकांपा नेता ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में काम करते हुए राजनीतिक दलों के नेताओं को हर समय हर तरह के लोगों से मिलना पड़ता है। और उनके लिए हर आदमी जाना-पहचाना भी नहीं होता है। कुछ लोगों का अनुमान था कि मेरी दक्षिण मुंबई की एक रैली में हाजी मस्तान भी मौजूद था। लेकिन, मुझे इस बात की बिल्कुल जानकारी नहीं थी।
पवार ने कहा- हमारी प्राथमिकता पांच साल सरकार चलाना है
पवार ने कहा कि मैं किसी नेता को यह सलाह देने नहीं जा रहा हूं कि वे ऐसी विवादास्पद टिप्पणियों से दूर रहें। वे सभी बुद्धिमान हैं। हमारी प्राथमिकता पांच साल सरकार चलाना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बहुत समझदार है।
इंदिरा गांधी मुंबई दौरों के दौरान करीम लाला से मिलती थीं
दरअसल राउत ने बुधवार को कहा था कि इंदिरा गांधी अपने मुंबई दौरों के दौरान करीम लाला से मिलती थीं। उनके इस बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जो राज्य में शिवसेना नीत गठबंधन सरकार का हिस्सा है। राउत ने बाद में अपना बयान वापस ले लिया था। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी का मानना है कि उन्हें इंदिरा गांधी के बारे में बयान नहीं देना चाहिए था। लेकिन उन्होंने बयान वापस ले लिया है। इसलिए, मैं (दोबारा) मुद्दे को नहीं उठाना चाहता।
पवार ने एक चुनाव प्रचार रैली में गैंगस्टर हाजी मस्तान के साथ मंच साझा किया था
पवार ने उस रिपोर्ट की चर्चा की जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने एक चुनाव प्रचार रैली में गैंगस्टर हाजी मस्तान के साथ मंच साझा किया था। उन्होंने कहा कि मैं 1972 में पार्टी के लिए प्रचार करने मोहम्मद अली रोड गया था। एक रैली हुई थी। अगले दिन, मैंने अखबारों में पढ़ा कि शरद पवार और हाजी मस्तान रैली में एक-दूसरे के साथ बैठे।