शरद पवार का ED की FIR पर मराठा कार्ड- शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र, दिल्ली के तख्त के सामने नहीं झुकेगा
प्रवर्तन निदेशालय ने 25000 करोड़ के महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाले में शरद पवार एवं उनके भतीजे अजीत पवार सहित कई और नेताओं के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। चुनावी मौसम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज किए गए मामले को लेकर पवार ने मराठा कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यह छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र है। इसे दिल्ली के तख्त के सामने झुकना नहीं आता। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने 25000 करोड़ के महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाले में शरद पवार एवं उनके भतीजे अजीत पवार सहित कई और नेताओं के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। 27 सितंबर को पवार को ईडी के कार्यालय में पेश होना है। पवार पर मामला दर्ज होने की घटना ने सूबे में सियासत गर्मा दी है। राकांपा कार्यकर्ताओं द्वारा जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं। पवार के गृह क्षेत्र बारामती में पवार समर्थकों ने बुधवार को बंद का आह्वान किया।
खुद शरद पवार भी चुनावी मौसम में इस मौके को गंवाना नहीं चाहते। उन्होंने इस घटना को सियासी रंग देते हुए मराठा कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। छत्रपति शिवाजी महाराज के समय का इतिहास याद दिलाने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा है कि यह शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र है। इसने दिल्ली के तख्त के सामने झुकना नहीं सीखा है। हम 27 सितंबर को ईडी की मेहमाननवाजी स्वीकार करने जाएंगे। हालांकि ईडी की तरफ से आए बयान में कहा गया है कि 27 सितंबर को शरद पवार की कोई जांच नहीं होनी है।
बता दें कि महाराष्ट्र में दो दिन पहले ही विधानसभा चुनाव घोषित हुए हैं। 21 अक्तूबर को मतदान होना है। पिछले कुछ माह से कांग्रेस-राकांपा के कई नेता भाजपा और शिवसेना का दामन थाम चुके हैं। यहां तक कि छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले भी भाजपा में आ चुके हैं, जबकि अब तक शरद पवार को मराठों का निर्विवाद नेता माना जाता रहा है। अब उनके विरुद्ध ईडी द्वारा दर्ज किए गए मामले ने उन्हें सहानुभूति बटोरने का मौका दे दिया है।
शरद पवार ने कहा कि मैं राज्य सहकारी बैंक का डायरेक्टर या सदस्य कभी नहीं रहा। यह जिस दौरान की जांच हो रही है, उस समय बैंक के संचालक मंडल में किसी एक दल के नहीं, बल्कि सभी दलों के संचालक थे। राज्य सहकारी बैंक एक महत्त्वपूर्ण बैंक है। इसका गठन लोगों की मदद के लिए किया गया है। विधानसभा चुनाव के दौरान मुझे राज्यभर का दौरा करना है। मैं अदृश्य नहीं रहूंगा। ईडी जब बुलाएगी, मैं उसके कार्यालय में हाजिर रहकर उसके अधिकारियों के सवालों का जवाब दूंगा।
पवार के इस पैंतरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को भी सफाई देने की मुद्रा में ला दिया है। फडणवीस को कहना पड़ा है कि सहकारी बैंक घोटाले के मामले में कार्रवाई राजनीतिक उद्देश्य से नहीं हो रही है। इस मामले का राज्य सरकार से कोई मतलब नहीं है। उच्चन्यायालय के आदेश पर ही ये कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इसमें जो लोग दोषी हैं, उन पर कार्रवाई होगी।
बता दें कि राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस ने पिछले महीने ही एक केस दर्ज किया था। इसी आधार पर ईडी ने भी शरद पवार और अजीत पवार सहित कई नेताओं पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। इससे पहले एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एस.सी. धर्माधिकारी एवं एस.के.शिंदे ने अपने फैसले में कहा था कि आरोपितों के खिलाफ विश्वसनीय साक्ष्य हैं। हाईकोर्ट के ही निर्देश पर पुलिस द्वारा दर्ज मामले के अनुसार एक जनवरी, 2007 से 31 मार्च, 2017 के बीच महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में हुए घोटाले के कारण सरकारी खजाने को कथित तौर पर 25000 करोड़ का नुकसान हुआ है।