Move to Jagran APP

80 के पार होने के बाद भी इन नेताओं की भारतीय राजनीति में कम नहीं हुई है धमक

शीला दीक्षित भले ही 80 की उम्र को पार कर गई हैं लेकिन राजनीति में उनकी चमक कम नहीं हुई है। वह ऐसी अकेली नहीं हैं बल्कि भारतीय राजनीति में ऐसे दिग्‍गज कई और भी हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 01:40 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 01:40 PM (IST)
80 के पार होने के बाद भी इन नेताओं की भारतीय राजनीति में कम नहीं हुई है धमक
80 के पार होने के बाद भी इन नेताओं की भारतीय राजनीति में कम नहीं हुई है धमक

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। दिल्‍ली की कमान एक बार फिर से यहां की पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित को सौंपे जाने के बाद यह साफ हो गया है कि उम्र दराज नेताओं की देश की राजनीति में आज भी धमक कम नहीं हुई है। शीला दीक्षित की ही यदि बात करें तो वह 80 की उम्र को पार कर चुकी हैं। पार्टी नेतृत्‍व ने उनपर भरोसा जताया है। लेकिन उनकी तरह देश में कई ऐसे राजनेता हैं जो उम्र दराज होने के बाद भी देश की राजनीति में न सिर्फ सक्रिय हैं बल्कि उनकी धमक भी राजनीति में कम नहीं हुई है।

loksabha election banner

शीला दीक्षित
वे देश की ऐसी पहली महिला मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बनीं। इनको 17 दिसंबर,2008 में लगातार तीसरी बार दिल्ली विधान सभा के लिये चुना गया था। वह 1998 से 2013 तक दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री थीं। 2013 में मिली हार के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस चुनाव में वह अपनी सीट भी नहीं बचा सकी थीं। हार के बाद भी उनकी धमक दिल्‍ली और देश की राजनीति में कभी कम नहीं हुई है। इसी बात का प्रमाण है कि उन्‍हें एक बार फिर दिल्‍ली का प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया गया है।

लाल कृष्‍ण आडवाणी
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी को भला कौन नहीं जानता है। 91 वर्षीय आडवाणी वर्ष 2002 से 2004 तक देश के उप-प्रधानमंत्री तक रह चुके हैं। देश भर में रथ यात्रा निकालने से लेकर केंद्र में सरकार बनाने तक में उनकी अहम भूमिका रही। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी साथी और मित्र रहे आडवाणी आज भी सांसद हैं और पार्टी में अहम भूमिका निभाते हैं।

प्रकाश सिंह बादल
आडवाणी की तरह ही इनकी भी उम्र 91 वर्ष है। शिरोमणि अकाली दल पंजाब ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में भी खासा दखल रखती है। वहीं प्रकाश सिंह बादल जो इसके पूर्व अध्‍यक्ष होने के साथ-साथ वर्तमान में सरंक्षक भी हैं पंजाब के चार बार मुख्‍यमंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में भी वह पार्टी का अहम चेहरा हैं। इसके अलावा वह मोरारजी देसाई की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे हैं। उन्‍हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।

एचडी देवेगौड़ा
जनता दल (सेकुलर) पार्टी के वर्तमान में अध्यक्ष हैं। वह देश के 11वें प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। यह बात दीगर है कि उनकी सरकार महज 10 महीने तक चली थी। वह कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। 85 वर्षीय देवेगौड़ा दक्षिण भारत की राजनीति में वह खासा मायने रखते हैं। यही वजह है कि कोई भी पार्टी उनको दरकिनार नहीं करती है। वर्तमान में भी देश और दक्षिण की राजनीति में सक्रियता बरकरार है।

फारुख अब्‍दुल्‍ला
81 वर्षीय अब्‍दुल्‍ला वर्तमान में नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष हैं। वह तीन बार जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा वह केंद्र की यूपीए सरकार में वर्ष 2009 से 2014 के बीच मंत्री भी रह चुके हैं। बात चाहे केवल जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य की हो या फिर पूरे देश की राजनीति की, इनके बड़े कद से हर पार्टी वाकिफ है। यही वजह है कि वर्तमान में भी जब महागठबंधन की बात होती है तो इनके वजूद को दरकिनार करना किसी पार्टी के बूते की बात नहीं होती है। इनकी सक्रियता संसद के गलियारे से लेकर सोशल मीडिया पर पूरी तरह से दिखाई देती है।

कल्‍याण सिंह
यूपी के दो बार मुख्‍यमंत्री रह चुके कल्‍याण सिंह वर्तमान में राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल हैं। उन्हें 26 अगस्त 2014 को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराए जाने के वक्‍त सूबे में इनकी ही सरकार थी। भले ही राज्‍यपाल बनने के बाद वह सक्रिय राजनीति से कुछ अलग हो गए हैं लेकिन भारतीय राजनीति में इनका कद कम नहीं हुआ है।

मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह देश के 13वें प्रधानमंत्री थे। वह जाने-माने अर्थशास्त्री भी हैं। उनकी इमानदारी से प्रभावित होकर ही उन्‍हें 1985 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उन्‍हें भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। 1990 में उन्‍हें प्रधानमंत्री का आर्थिक सलाहकार बनाया गया। 1991 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने उन्‍हें अपने वित्त मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा था। वह देश के ऐसे दूसरे प्रधानमंत्री हैं जिन्‍होंने लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था। उनके अलावा जवाहरलाल ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे। कम बोलने वाले मनमोहन सिंह वर्तमान में भले ही सदन के सदस्‍य नहीं हैं लेकिन कांग्रेस में उनका कद कम नहीं हुआ है। देश में उन्‍होंने ही आर्थिक सुधारों की शुरुआत की थी। वर्तमान में उनके ऊपर एक फिल्‍म भी रिलीज हुई है।

भारत में वर्जिन लैंड के रूप में है इस क्षेत्र की पहचान, इसके बारे में कितना जानते हैं आप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.