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SP-BSP से गठबंधन पर बोले सिंधिया, हमारे रास्ते अलग हो सकते हैं लेकिन लक्ष्य एक है

सिंधिया की यह टिप्पणी महत्तवपूर्ण हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को शामिल करने के लिए महागठबंधन पर पुनर्विचार हो सकता है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 04:30 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 12:47 AM (IST)
SP-BSP से गठबंधन पर बोले सिंधिया, हमारे रास्ते अलग हो सकते हैं लेकिन लक्ष्य एक है
SP-BSP से गठबंधन पर बोले सिंधिया, हमारे रास्ते अलग हो सकते हैं लेकिन लक्ष्य एक है

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अब अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि इस फैसले से उनका रास्ता भले ही सपा और बसपा से अलग है, लेकिन उद्देश्य एक ही है। पार्टी ने यह ऐलान हाल ही में उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा के बाद किया है।

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सिंधिया ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह बात कही। गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए समान विचारधारा वाले दलों को भी समान तरीके से सोचना चाहिए जिसमें सभी को महत्व दिया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से सपा और बसपा ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया है और अपनी सीटें तय कर ली है, ऐसे में कांग्रेस को भी अपनी राह चुनने का अधिकार है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य केंद्र में यूपीए की सरकार बनाना है। साथ ही 2022 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में भी पूरी ताकत से वापस आना चाहती है। इसके लिए वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मजबूती से स्थापित करने जा रहे है। इस दिशा में वह तेजी से आगे बढ़ रहे है। अकेले चुनाव लड़ने का फैसला भी इसी रणनीति का हिस्सा है। एक सवाल के जवाब में सिंधिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश उनके लिए काफी अहम है। ऐसे में उन्होंने उत्तर प्रदेश को लेकर अपना रास्ता चुन लिया है। पार्टी अब अकेले अपने दम पर ही वहां चुनाव लड़ने जा रही है।

भाजपा सासंद सावित्री बाई फुले के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर सिंधिया ने कहा कि पार्टी के दरवाजे उन सभी लोगों के लिए खुले हुए है, जिनके पास जमीन पर ताकत है और जो लोगों की सेवा करना चाहते है। सिंधिया का उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का यह ऐलान इसलिए भी अहम है, क्योंकि हाल ही में कांग्रेस को गठबंधन में शामिल करने को लेकर नए सिरे से विचार करने की बात तेज हुई है।


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