स्कूल खरीदेंगे सिर्फ एनबीटी व एनसीईआरटी की किताबें
सरकार ने राज्यों को यह दिशा-निर्देश उस समय जारी किया है, निजी प्रकाशकों की किताबों को बढ़ावा देने और खरीदी करने की आशंका जताई गई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूलों में खुलने वाले पुस्तकालयों में फिलहाल बच्चों से जुड़ी सभी तरह की रुचिकर किताबें मौजूद रहेंगी। लेकिन यह किताबें नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) एनसीईआरटी और राज्य बोर्ड की होगी। निजी प्रकाशकों की किताबें इस दौरान पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। स्कूलों को निजी किताबों की खरीदी न करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए है। सरकार ने इसे लेकर एक दिशा-निर्देश जारी किया है। साथ ही राज्यों से इसके सख्ती से अमल के निर्देश भी दिए है। बच्चों में किताबों के प्रति रूझान बढ़ाने की इस योजना के तहत सभी स्कूलों में एक पुस्तकालय खोला जाना है।
सरकार ने राज्यों को यह दिशा-निर्देश उस समय जारी किया है, जब इस योजना के तहत निजी प्रकाशकों की किताबों को बढ़ावा देने और खरीदी करने की आशंका जताई गई। इसे देखते हुए सरकार ने राज्यों को पहले ही आगाह किया है। सरकार का कहना है कि योजना के तहत बच्चों के लिए रूचिकर और मूल्यवर्द्धक किताबों को मुहैय्या कराना है। जिससे उनके व्यक्तित्व का विकास हो सके। ऐसे में निजी प्रकाशकों की कम गुणवत्ता वाली किताबों को खरीदी से योजना की मूल मंशा प्रभावित होगी।
सरकारी योजना के तहत प्राइमरी स्कूल को पुस्तकालय के लिए पांच हजार, आठवीं तक के स्कूल को दस हजार, दसवीं तक के स्कूल को पंद्रह हजार और बारहवीं तक के स्कूल को बीस हजार रूपए सालाना दिए जाएंगे। इसके तहत स्कूल किताबों की सीधे खरीदी कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि इस पहल से अगले कुछ सालों में प्रत्येक स्कूलों के पास किताबों का एक अच्छा बैंक तैयार हो जाएगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक स्कूलों को फिलहाल किताबें नहीं सुझायी गई है, लेकिन राज्यों को एनबीटी, एनसीईआरटी और राज्य बोर्ड की किताबों का विकल्प दिया गया है, जिनके पास बच्चों से जुटी रुचिकर किताबों का एक बड़ा संग्रह है। जरूरत के मुताबिक वह चयन कर सकते है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में करीब 11.50 लाख सरकारी और वित्त पोषित स्कूल है, जिन्हें इस योजना में शामिल किया गया है।