स्कूली शिक्षा सचिव रीना रे की मोदी सरकार से अचानक छुट्टी, मूल कैडर में वापस भेजी गईं
केंद्र सरकार ने बेहतर कामकाज न करने के आरोप में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की स्कूली शिक्षा विभाग की सचिव रीना रे को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक बड़े घटनाक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की स्कूली शिक्षा विभाग की सचिव रीना रे को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। उनकी जगह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे को स्कूली शिक्षा सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। 1984 बैच की आइएएस अफसर रीना रे मानव संसाधन विकास मंत्रालय में स्कूली शिक्षा के सचिव के पद पर अगस्त 2018 से थी। उन्हें इस तरह से हटाने के पीछे उच्च शिक्षा की तरह स्कूली शिक्षा में बेहतर काम-काज न दिखने को बड़ी वजह मानी जा रही है।
मूल कैडर में वापस भेजा
केंद्र सरकार में कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की कमेटी के सचिव ने यह आदेश जारी किया। इसके साथ ही उन्हें उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया है। रीना रे का मूलत यूटी (केंद्र शासित क्षेत्र) कैडर की आइएएस अधिकारी है।
पीएमओ के निशाने पर थीं स्कूली शिक्षा सचिव
मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक स्कूली शिक्षा के काम-काज को लेकर मंत्रालय पहले से पीएमओ के निशाने पर थी। इस बीच कई नीतिगत मुद्दों पर पीएमओ के साथ स्कूली शिक्षा सचिव की पटरी भी नहीं बैठने की भी खबरें थी, लेकिन अचानक उन्हें इस तरह से हटा दिया जाएगा, इससे मंत्रालय के दूसरे अफसर भी अचंभित है। हालांकि जिस तरीके से उन्हें सरकार से ही हटाया गया है, उसके पीछे कुछ और बड़ी वजहें बताई जा रही है। खासबात यह है कि रीना रे पूर्व में दिल्ली सरकार में भी लंबे समय तक रही हैं।
रीना रे ने की एचआरडी मंत्री से मुलाकात
इसी बीच खुद को मंत्रालय से हटाए जाने के आदेश के बाद रीना रे ने मंत्रालय पहुंचकर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की है। चर्चा यह भी है कि एनआईओएस से शिक्षकों से प्रशिक्षण से जु़डे़ विवादों को लेकर भी पीएमओ खफा था।