सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी ठहराए गए लकवाग्रस्त व्यक्ति की याचिका पर केंद्र व असम सरकार को भेजा नोटिस
सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने अजीजुल हक की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र असम सरकारों से जवाब देने को कहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी ठहराए गए लकवाग्रस्त व्यक्ति की याचिका पर बुधवार को केंद्र और असम सरकार से जवाब तलब किया। हिरासत केंद्र में रखे गए व्यक्ति को असम में विदेशी अधिकरण (फॉरेनर ट्रिब्यूनल) ने विदेशी नागरिक ठहराया है, जिसके बाद से उसपर बांग्लादेश प्रत्यर्पित किए जाने की तलवार लटक रही है।
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने अजीजुल हक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों सरकारों से तीन हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
हक ने अपनी याचिका में कहा है कि शरीर के निचले अंग में लकवा के कारण वह सुनवाई में पेश नहीं हो सका था और अधिकरण ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए उसे विदेशी घोषित कर दिया। वह 24 मार्च, 2017 से हिरासत केंद्र में बंद है।
हक ने यह भी कहा है कि गौहाटी हाई कोर्ट ने भी उसे इस आधार पर विदेशी घोषित कर दिया था क्योंकि उसका नाम असम के मसौदा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में था और वह या उसका कोई प्रतिनिधि अधिकरण के सामने पेश नहीं हुआ था।