एससी-एसटी आरक्षण विधेयक लोकसभा में पेश, खत्म होगा एंग्लो इंडियन का आरक्षण
वर्तमान आरक्षण 25 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा है। ऐसे में 126वें संविधान संशोधन को पारित करना जरूरी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा और विधानसभाओं में एससी-एसटी आरक्षण को अगले दस साल तक बढ़ाने के लिए सरकार ने सोमवार को संविधान संशोधन विधेयक पेश कर दिया। इस विधेयक में एंग्लो इंडियन के मनोनयन के जरिए आरक्षण की बात नहीं की गई है। ऐसे में लोकसभा में विधेयक पेश करते वक्त विपक्ष की ओर से यह सवाल उठाया गया।
देश में केवल एंग्लो इंडियन समुदाय के सिर्फ 296 लोग
जबकि केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि फिलहाल देश में केवल एंग्लो इंडियन समुदाय के सिर्फ 296 लोग हैं। ऐसे में इस आरक्षण की प्रासंगिकता परखी जानी है। विधेयक पर संभवत: मंगलवार को वोटिंग होगी।
126वें संविधान संशोधन को पारित करना जरूरी
संविधान का धारा 334 के अनुसार यह आरक्षण शुरूआत में दस साल के लिए किया गया था और उसके बाद से हर दस साल बाद इसे बढ़ाया जाता रहा है। वर्तमान आरक्षण 25 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा है। ऐसे में 126वें संविधान संशोधन को पारित करना जरूरी है। इसे पारित करने में किसी विरोध की भी संभावना नहीं है, लेकिन अल्पसंख्यक के मुद्दे पर एंग्लो इंडियन का मुद्दा जरूर उठाया जाएगा।
खत्म होगा एंग्लो इंडियन का आरक्षण
ध्यान रहे कि लोकसभा में दो एंग्लो इंडियन को राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत किए जाने का प्रावधान है, लेकिन सरकार ने जो 296 लोगों के जो आंकड़े दिए हैं उसके बाद यह आरक्षण जारी रखने के लिए दबाव बनाना आसान नहीं होगा।