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राष्ट्रपति शासन के बयान पर शिवसेना का BJP पर वार, पूछा- क्‍या राष्‍ट्रपति आपकी जेब में हैं

Government formation in Maharashtra शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि महाराष्‍ट्र में राष्ट्रपति शासन की बात कहना निर्वाच‍ित विधायकों के लिए एक धमकी के जैसा है..?

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 11:01 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 01:42 PM (IST)
राष्ट्रपति शासन के बयान पर शिवसेना का BJP पर वार, पूछा- क्‍या राष्‍ट्रपति आपकी जेब में हैं
राष्ट्रपति शासन के बयान पर शिवसेना का BJP पर वार, पूछा- क्‍या राष्‍ट्रपति आपकी जेब में हैं

मुंबई, एएनआइ। महाराष्‍ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना के बीच जारी रस्साकशी थमने का नाम नहीं ले रही है। शिवसेना अपने 50-50 के फॉर्मूले पर अड़ी हुई है जबकि भाजपा सीएम पद से किसी तरह का समझौता करने के मूड में दिखाई दे नहीं रही है। दोनों पार्टियां अपनी अपनी जिद पर अड़ी हुई हैं। यही नहीं दोनों ही एक-दूसरे पर बयानों के तीर चलाने से बाज नहीं आ रही हैं।

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शिवसेना ने शनिवार को भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार के उस बयान पर करारा हमला बोला जिसमें उन्‍होंने कहा था कि यदि महाराष्‍ट्र में सात नवंबर तक नई सरकार नहीं बनती है तो राष्‍ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। इस बयान पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में सवाल किया कि क्‍या राष्‍ट्रपति आपकी जेब में हैं या उनकी मुहर आपके कार्यालय में पड़ी है..? शिवसेना ने मुनगंटीवार पर भी हमला बोला। पार्टी ने अखबार के संपादकीय में कहा कि क्या ये लोग यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है।

वहीं आरपीआइ (Republican Party of India) के नेता रामदास आठवले ने कहा कि महाराष्‍ट्र में मुख्‍यमंत्री भाजपा का ही होना चाहिए। इस बीच शिवसेना (Shiv Sena) नेता संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात की। इससे ये अटकलें जोर पकड़ने लगी हैं कि शिवसेना पर्दे के पीछे से एनसीपी को साथ लेकर सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है। संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा है कि एक भाजपा नेता कह रहे हैं कि यदि सरकार गठन में देरी होती है तो महाराष्‍ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। क्या यह चुने हुए विधायकों के लिए एक धमकी है..?

हालांकि, राउत ने मुलाकातों की खबरों पर यह भी कहा कि महाराष्ट्र में जिस तरह की स्थिति चल रही है, शिवसेना और भाजपा को छोड़कर सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे से बात कर रहे हैं। वहीं शरद पवार ने किसी के साथ जाने से इनकार करके अटकलों विराम लगा दिया है। उन्‍होंने कहा है कि वह विपक्ष में बैठने के लिए तैयार हैं। महाराष्‍ट्र की जनता ने एनसीपी को विपक्ष में बैठने के लिए कहा है जिसका पार्टी पालन करेगी।  

यही नहीं राकांपा प्रमुख पवार ने मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच चल रही खींचतान को बचकाना करार दिया। उन्‍होंने कहा कि महाराष्‍ट्र की जनता ने भाजपा और शिवसेना को सरकार बनाने के लिए मौका दिया है। उनको जनता के जनादेश का सम्‍मान करते हुए सरकार बनाना चाहिए। मौजूदा वक्‍त में भाजपा और शिवसेना के बीच जो चल रहा है, वह मेरी राय में बचकाना है। 

बता दें कि बीते भाजपा और शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था। 24 अक्‍टूबर को आए नतीजों में भाजपा को 105 और एनसीपी को 56 सीटें मिली थीं। एनसीपी और कांग्रेस ने क्रमशः 54 और 44 सीटें हासिल की थी। बीते दिनों शिवसेना ने धमकी दी थी कि यदि दि भाजपा ने उसके 50-50 के फॉर्मूले पर गौर नहीं किया तो उसके पास दूसरे विकल्प भी खुले हैं। यही नहीं राउत ने कल संवाददाताओं के सामने यह भी दावा किया था कि महाराष्‍ट्र में मुख्‍यमंत्री तो शिवसेना का ही होगा। हालांकि, सीएम फडणवीस भी संकेत दे चुके हैं कि भाजपा सीएम पद से पीछे नहीं हटने वाली है। 


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