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कांग्रेस शीर्ष नेतृत्‍व पर सवाल उठाने वालों को वरिष्‍ठ नेता सलमान खुर्शीद ने बताया 'नेत्रहीन', कही यह बात...

बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस में भीतरी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। कुछ नेता कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना कर रहे हैं जबकि कुछ नेतृत्‍व के प्रति वफादार दिखाने की कोशिशें में हैं। इस बीच सलमान खुर्शीद ने आलोचकों पर करारा हमला बोला है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 04:25 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 04:25 PM (IST)
वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने शीर्ष नेतृत्‍व पर सवाल उठाने वालों को परोक्ष रूप से 'नेत्रहीन' करार दिया है।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के भीतर की अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। आलम यह है कि पार्टी कई खेमों में बंटती नजर आ रही है। कुछ नेता कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की आलोचना कर रहे हैं जबकि कुछ नेता नेतृत्‍व के प्रति वफादार दिखाने की कोशिशें कर रहे हैं। इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने शीर्ष नेतृत्‍व पर सवाल उठाने वालों को परोक्ष रूप से 'नेत्रहीन' करार दिया है। उन्‍होंने कहा है कि पार्टी में नेतृत्व का कोई संकट नहीं है।

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खुर्शीद ने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी के लिए पार्टी में सहयोग को हर वह शख्‍स देख सकता है जो नेत्रहीन नहीं है। रही बात कांग्रेस में विचार रखने के लिए उचित मंच की तो यह पहले से ही उपलब्ध है। वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी के बाहर विचार रखने से इस मंच को नुकसान पहुंचता है। खुर्शीद का निशाना वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और कुछ अन्य नेताओं पर था जो सार्वजनिक तौर पर पार्टी नेतृत्व की आलोचना कर रहे हैं। गांधी परिवार के नजदीकी नेताओं में शुमार खुर्शीद ने यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्‍व सभी की बात सुन रहा है ऐसे में उस पर ऐसे आरोप गैरवाजिब हैं।

बिहार चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर सिब्बल और पी. चिदंबरम की टिप्पणियों पर खुर्शीद ने कहा कि उन्होंने जो कहा मैं उससे असहमत नहीं हूं लेकिन पार्टी के बाहर जाकर मीडिया के बीच ऐसी बातें करने का कोई तुक नहीं है। कांग्रेस कार्य समिति में स्थायी रूप से आमंत्रित खुर्शीद ने कहा कि हर बार हार के कारणों की समीक्षा की जाती है... इस बार भी की जाएगी। नेतृत्व को इसका आभास है और वह इसकी उचित समीक्षा करेगा कि गलती कहां हुई और हम इसमें कैसे सुधार कर सकते हैं। हम सभी को सार्वजनिक रूप से बयानबाजी करने की जरूरत नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि कुछ नेता पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग कर रहे हैं... इस पर खुर्शीद ने कहा कि ऐसे नेताओं को आगे आकर पार्टी में इस पर बात करनी चाहिए। यदि नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया में समय लग रहा है तो इसके पीछे कोई उचित कारण होगा। खुर्शीद ने ऐसे नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि आप इसी पर जोर क्यों दे रहे है? बसपा में कोई अध्यक्ष नहीं है वामदलों का कोई अध्यक्ष नहीं है, केवल महासचिव हैं। पार्टी के पास सोनिया गांधी के रूप में एक अध्यक्ष है। अंतरिम अध्‍यक्ष पार्टी के संविधान के अलग बात नहीं है। हमें खुशी है कि हम उनके साथ काम कर रहे हैं।  


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