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सबरीमाला को किसी कीमत पर अयोध्या नहीं बनने देंगे : विजयन

मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि सबरीमाला कस्बे में लागू निषेधाज्ञा कानून को हटाया नहीं जाएगा। हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अमल कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 28 Nov 2018 07:36 PM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 07:36 PM (IST)
सबरीमाला को किसी कीमत पर अयोध्या नहीं बनने देंगे : विजयन
सबरीमाला को किसी कीमत पर अयोध्या नहीं बनने देंगे : विजयन

तिरुवनंतपुरम, आइएएनएस। केरल के मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन ने अपने रुख पर कायम रहते हुए विधानसभा में कहा कि सबरीमाला मामले को अयोध्या नहीं बनने दिया जाएगा।

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बुधवार को केरल विधानसभा का सत्र शुरू होने के साथ ही कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने तख्ती-बैनर लेकर सबरीमाला कस्बे में प्रतिबंध संबंधी आदेशों को तुरंत वापस ले लिया जाए। पूरे प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष नारेबाजी होती रही। इस बीच, पूर्व देवसोम मंत्री वीएस शिवकुमार ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के समर्थन के साथ वामदल सरकार और संघ परिवार की मिलीभगत से सबरीमाला मंदिर की पवित्रता को नष्ट कर रहे हैं।

इस पर मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि सबरीमाला कस्बे में लागू निषेधाज्ञा कानून को हटाया नहीं जाएगा। हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अमल कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जबकि संघ परिवार कांग्रेस के समर्थन से मंदिर में परेशानी खड़ी करना चाहता है।

उन्होंने कहा कि सबरीमाला को किसी भी कीमत पर अयोध्या नहीं बनने दिया जाएगा। विजयन के इस बयान पर ट्रेजरी बेंच ने मेज थपथपा कर मुख्यमंत्री के बयान का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि केरल हाईकोर्ट ने भी सबरीमाला में लागू नियमों की सराहना की है। जब विपक्षी दल के सदस्य विधानसभा अध्यक्ष पी.श्रीरामकृष्णन के पास पहुंच गए तो सदन पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

केरल विधानसभा में एकमात्र भाजपा विधायक ओ.राजगोपाल और उनके नए सहयोगी पीसी जार्ज ने काले रंग की शर्ट पहनकर अपना विरोध जताया। इन दोनों का कहना था कि वह सबरीमाला के श्रद्धालुओं को मुश्किल में डाले जाने का विरोध कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने विगत सितंबर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की अनुमति का आदेश दिया था। इस आदेश में प्रतिबंधित आयु वर्ग (10 साल से 50 साल तक) की महिलाओं को भी मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी गई थी। लेकिन तभी से मंदिर की प्राचीन परंपराओं को तोड़ने के खिलाफ सबरीमाला में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए।


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