Move to Jagran APP

विदेश मंत्री बोले, गतिरोध हल करने पर चीन से चल रही बात, यह दोनों देशों के बीच बेहद गोपनीय मामला

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और चीन सीमा गतिरोध को हल करने के लिए वार्ता कर रहे हैं। इस पर पहले से अनुमान नहीं लगाना चाहता। यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 11:37 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 07:34 AM (IST)
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और चीन गतिरोध हल करने के लिए वार्ता कर रहे हैं।

नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत और चीन सीमा गतिरोध को हल करने के लिए वार्ता कर रहे हैं। इस पर पहले से अनुमान नहीं लगाना चाहता। वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर आयोजित 'ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक फोरम' में चीन से वार्ता के नतीजों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने यह बात कही। सम्मेलन के दौरान सीमा की स्पष्ट स्थिति के सवाल पर उन्होंने कहा, 'वार्ता चल रही है और यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है। मैं सार्वजनिक रूप से बहुत ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं। मैं निश्चित रूप से इसके लिए पहले से कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता हूं।'

loksabha election banner

तिब्बत की स्थिति के साथ-साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के घटनाक्रम पर जयशंकर ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हमें अन्य मुद्दों पर विचार करना चाहिए, जिनका स्पष्ट रूप से लद्दाख में वर्तमान स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है। सीमा पर शांति बनाए रखने को लेकर 1993 से अब तक कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार हुआ। पिछले 30 वर्षों से हमने सीमा पर शांति आधारित संबंध बनाए हैं।' उन्होंने कहा कि शांति के माहौल को सुनिश्चित नहीं किया गया और जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे उनका पालन नहीं किया गया। यही तनाव की असली वजह है। 

इस बीच चीन की तरफ से लद्दाख और अरुणाचल को लेकर बेतुके बोल पर भारत ने करारा पलटवार किया। भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा कि चीन को भारत के आंतरिक मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। गौरतलब है कि अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता पर भारत का यह रुख हमेशा से रहा है लेकिन सीमा पर मौजूदा तनाव और चीन से चल रही वार्ता के बीच विदेश मंत्रालय का यह बयान खास अहमियत रखता है। इस रुख के साथ भारत ने यह संदेश भी दे दिया है कि चीन की किसी घुड़की को तवज्जो नहीं दी जाएगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.