Move to Jagran APP

एस जयशंकर बोले- बड़ी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भारत और अमेरिका के विचार एक जैसे

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- भारत के अमेरिका का बड़ा रक्षा सहयोगी होने का महत्व स्पष्ट है। समुद्री सुरक्षा के लिए हमारी सामूहिक क्वाड प्रतिबद्धता भी प्रासंगिक। भारत के अमेरिका का बड़ा रक्षा सहयोगी होने का महत्व स्पष्ट।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 07:51 AM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 07:51 AM (IST)
एस जयशंकर बोले- बड़ी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भारत और अमेरिका के विचार एक जैसे
विदेश मंत्री एस जयशंकर का भारत-अमेरिका रिश्तों पर बयान।(फोटो: फाइल)

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में भारत और अमेरिका के संबंधों पर बयान दिया है। एस जयशंकर ने कहा है कि आतंकवाद, महामारी और जलवायु परिवर्तन जैसी बड़ी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भारत और अमेरिका के विचार लगभग एक जैसे हैं। अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआइबीसी) की तरफ से आनलाइन आयोजित इंडिया आइडियाज शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भारत के अमेरिका का बड़ा रक्षा सहयोगी होने का महत्व स्पष्ट है।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि समुद्री सुरक्षा के लिए हमारी सामूहिक क्वाड प्रतिबद्धता भी प्रासंगिक है।इसी सम्मेलन में भाग लेते हुए जलवायु परिवर्तन से जुड़े मामलों पर अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जान कैरी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में महत्वाकांक्षी भारत-अमेरिका साझेदारी 2020 से 2030 के दौरान निर्णायक कार्रवाई के लिए दोनों देशों की संयुक्त प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सहयोग द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक मुख्य स्तंभ है।कैरी ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण संवाद अमेरिका-भारत जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी के तहत किए गए प्रयास का हिस्सा है। राष्ट्रपति (जो) बाइडन और प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी ने अप्रैल में इसकी घोषणा की थी।'

भारत के वैश्विक आर्थिक संबंधों में आसियान महत्वपूर्ण

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि आसियान क्षेत्र भारत के वैश्विक आíथक संबंधों में एक महत्वपूर्ण केंद्र है। कोरोना वायरस महामारी ने सहयोग को पुन: परिकल्पित करने एवं आकांक्षाओं को बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित किया है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि आसियान का हिंद प्रशांत क्षेत्र के केंद्र में होना तथा भारत एवं समूह के बीच संबंधों का महत्व स्वयं को प्रमाणित करता है। उन्होंने कहा कि यदि इन संबंधों की प्रमुखता को बनाए रखना है तो उन विचारों एवं परिकल्पनाओं की परिधि से बाहर जाने का प्रयास करना होगा, जिनकी अवधि बीत चुकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.