रक्षा सौदे के दलाल संजय भंडारी से संबंध नकार कर फंसे रॉबर्ट वाड्रा, जानिए कैसे
ईडी ने वाड्रा के सामने आयकर विभाग की पूछताछ में संजय भंडारी के खुलासे की प्रति रख दी, जिसमें भंडारी ने वाड्रा के लिए फ्रांस के नीस का हवाई टिकट खरीदने का खुलासा किया था।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। रक्षा सौदों के दलाल संजय भंडारी को जानने तक से इनकार कर राबर्ट वाड्रा बुरी तरह फंस गए। ईडी ने वाड्रा के सामने आयकर विभाग की पूछताछ में संजय भंडारी के खुलासे की प्रति रख दी, जिसमें भंडारी ने वाड्रा के लिए फ्रांस के नीस का हवाई टिकट खरीदने का खुलासा किया था। इसके साथ ही दो दिन तक विदेशी संपत्तियों के बारे में पूछताछ करने के बाद ईडी ने तीसरे दिन वाड्रा से भारत स्थित संपत्तियों के बारे में पूछताछ की।
ईडी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राबर्ट वाड्रा ने पहले दिन की पूछताछ में संजय भंडारी को जानने से साफ इनकार कर दिया था। यहां तक कि वाड्रा ने लंदन की बेनामी संपत्तियों के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की थी।
शनिवार को ईडी ने वाड्रा के सामने आयकर विभाग के सामने 30 अप्रैल 2016 को संजय भंडारी के बयान की प्रति रख दी। इस बयान में संजय भंडारी ने स्वीकार किया था कि 13 अगस्त 2012 से 19 अगस्त 2012 तक राबर्ट वाड्रा फ्रांस के नीस की यात्रा पर थे और इसके लिए उसने दिल्ली के पहाड़गंज स्थित इंटरनेशनल ट्रेवल होम से एअर टिकट खरीदा था।
संजय भंडारी के अनुसार टिकट खरीदने के लिए खुद वाड्रा ने उसे कहा था। संजय भंडारी के बयान की प्रति ने वाड्रा को निरूत्तर कर दिया। वाड्रा ने सिर्फ इतना कहा कि पुरानी बात हो गई है और उन्हें याद नहीं है। ध्यान देने की बात है कि वाड्रा की लंदन की बेनामी संपत्ति खरीदने में संजय भंडारी ने अहम भूमिका निभाई थी।
बुधवार और गुरूवार को वाड्रा से विदेशी संपत्तियों के बारे में पूछताछ करने के बाद ईडी ने शनिवार को उनसे भारत स्थित संपत्तियों के बारे में विस्तार से पूछताछ की। वाड्रा को यह बताने के लिए कहा गया कि भारत में उनकी और उनकी कंपनियों की कुल कितनी संपत्तियां हैं और उन्हें कब-कब खरीदा गया था। इन संपत्तियों के लिए धन की व्यवस्था कहां से हुई थी।
ईडी ने वाड्रा से 2010 से 2014 के बीच का अपनी और कंपनियों की आयकर रिटर्न की प्रति भी जमा कराने को कहा है। ईडी को आशंका है कि भारत में संपत्तियों को खरीदने के लिए भी रक्षा और पेट्रोलियम सौदों की दलाली की रकम का इस्तेमाल किया गया था और इनमें संजय भंडारी और शिशिर थम्पी की अहम भूमिका थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिरकार वाड्रा और उनकी कंपनियों की आमदनी कितनी थी। शुरूआती जांच में इस आशंका की पुष्टि हो रही है कि वाड्रा की कुल संपत्तियां उनकी घोषित आय से कई गुना ज्यादा है। उन्हें यह बताना होगा कि आखिरकार इन संपत्तियों को खरीदने के लिए धन कहां से आया।