MVA Crisis: गुवाहाटी में डेरा डाले बागी विधायकों से उद्धव ठाकरे की खास अपील, 'मुंबई लौट आओ और मुझसे बात करो'
ठाकरे ने अपील करते हुए कहा कि आप वापस आएं और मेरे साथ बैठें और शिवसैनिकों और जनता के बीच उत्पन्न हुए भ्रम को दूर करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि तुम लौट आते हो और मेरा सामना करते हो तो कोई रास्ता मिल सकता है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। सरकार एवं पार्टी दोनों पर चल रहे संकट को टालने की गरज से शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुवाहाटी में बैठे बागियों को भावनात्मक पत्र लिखकर उनसे मुंबई लौटने की अपील की है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पत्र की शुरुआत, 'शिवसैनिक विधायक भाइयों एवं बहनों जय महाराष्ट्र !' कहते हुए की है। वह आगे लिखते हैं कि आप लोग पिछले कई दिनों से गुवाहाटी में फंसे पड़े हैं। आपके बारे में रोज नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। आप में से कई लोग तो आज भी हमारे संपर्क में हैं, और मन से शिवसैनिक भी हैं। आपमें से कइयों के परिवार ने हमसे संपर्क करके आपकी भावनाएं हम तक पहुंचाई हैं। शिवसेना प्रमुख होने के नाते मैं आपकी भावनाओं की कद्र करता हूं।
आगे उद्धव समझौते का स्वर अपनाते हुए कहते हैं कि परिवार का मुखिया होने के नाते मैं आपसे कहना चाहता हूं कि अभी भी समय गया नहीं है। मैं आप सबसे आह्वान करता हूं कि आप आकर मेरे सामने बैठें तथा शिवसैनिकों एवं जनता के मन में चल रहे भ्रम को दूर करें। इससे निश्चित रूप से रास्ता निकलेगा। आप साथ बैठने का रास्ता निकालिए। आप किसी के भी बहकावे में न आइए। जो मान सम्मान आपको शिवसेना में मिला है, वह और कहीं नहीं मिल सकता। आपके सामने आकर बैठने से रास्ता निकलेगा। शिवसेना प्रमखु एवं परिवार के मुखिया होने के नाते मुझे आज भी आपकी चिंता लगी रहती है। सामने आकर बैठिए तो रास्ता निकालते हैं।
सुप्रिया सुले ने भी की अपील
उद्धव ठाकरे द्वारा यह पत्र लिखे जाने के बाद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की पुत्री एवं सांसद सुप्रिया सुले ने भी कहा है कि बातचीत होना जरूरी है। उद्धव ठाकरे हमेशा बातचीत के पक्ष में रहे हैं, और आपसी मसलों को सुलझाने का यही एक रास्ता है। सुप्रिया ने भी गुवाहाटी में बैठे बागी विधायकों को संबोधित करते हुए कहा है कि इंटरनेट मीडिया के जरिए बात मत कीजिए। इससे सिर्फ भ्रम पैदा होते हैं। यहां आकर आमने-सामने बात कीजिए, तो रास्ता निकलेगा। उद्धव ठाकरे ने आपसे बड़े भाई के नाते अपील की है। सरकारें तो आती-जाती रहती हैं। लेकिन रिश्ते कायम रहने चाहिए।
सुप्रिया ने उद्धव ठाकरे की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि परिवार से जब कोई बाहर चला जाता है, तो पूरा परिवार मिलकर उसे वापस लाने की कोशिश करता है। हमें गर्व है उद्धव ठाकरे पर कि आज बालासाहब ठाकरे की अनुपस्थिति में उन्होंने इस तरह की भावनात्मक अपील की है। सुप्रिया ने उन बागी विधायकों को भी निशाने पर लिया, जो राकांपा छोड़कर शिवसेना में गए थे और आज राकांपा के ही खिलाफ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि दीपक भाऊ (केसरकर) राकांपा में थे। उदय सामंत राकांपा की युवा इकाई में थे। जब उन्होंने राकांपा छोड़ी तो हमने उनके बारे में कोई बुरे शब्द नहीं कहे। अब वे राकांपा के बारे में बुरा बोल रहे हैं। ये गलत है।