उमर को राज्यपाल मलिक का जवाब, मेरे पास न तुम्हारी तरह पैसा और न बाप-दादा का नाम
कश्मीर में बहुत से राजनीतिक नेता और वरिष्ठ नौकरशाह गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। इन्हीं लोगों के चलते यहां के खराब हालात हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों को लेकर जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की ओर से दिए गए बयान के बाद सियासी तूफान खड़ा हो गया है। इस लड़ाई में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के ट्वीट पर राज्यपाल ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने उमर को पॉलिटिकल जुवेनाइल बताते हुए कहा कि मेरे पास न तो तुम्हारी तरह बाप-दादा का नाम है और न ही पैसा। मैं डेढ़ कमरे के मकान से यहां आया हूं और अपने परिश्रम, लोगों की सेवा और प्रतिष्ठा के कारण राज्यपाल बना हूं।
बता दें कि राज्यपाल सत्यपाल मिलक ने रविवार को कश्मीर में बंदूक उठाने वालों से कहा था कि आप आम लोगों और निर्दाेष सुरक्षाबलों को निशाना क्यों बना रहे हो। अगर मारना ही है तो उन लोगों को मारो जिन्होंने इस मुल्क और कश्मीर को लूटा है।
उमर ने जताई आपत्ति
नेकां उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक जिम्मेदार व्यक्ति को जो राजभवन में बैठा है, आतंकियों को उन नेताओं और नौकरशाहों को मारने के लिए कह रहा है, जिन्हें वह भ्रष्ट समझता है। अब यहां जो राजनीतिक हत्याएं होंगी, उसके लिए राज्यपाल को जिम्मेदार माना जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मलिक को दिल्ली में अपनी छवि को देखना चाहिए।
कांग्रेस ने भी किया हमला
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर ने भी राज्यपाल पर हमला करते हुए कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। राज्यपाल क्या यहां जंगल राज कायम करना चाहते हैं।
राज्यपाल ने उमर को दिया जवाब
उमर 'पॉलिटिकल जुवेनाइल'
-राज्यपाल मलिक ने कहा कि उमर अब्दुल्ला तो अभी सियासी रूप से नासमझ और अपरिपक्व हैं। वह तो एक 'पॉलिटिकल जुवेनाइल' हैं, जो हर बात पर ट्वीट करते रहते हैं। आप उनके ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रिया देखें। आप समझ जाएंगे।
मेरे पास तुम्हारी तरह न बाप-दादा का नाम, न रुपया
-राज्यपाल ने उमर अब्दुल्ला को संबोधित करते हुए कहा कि न मेरे पास दादा-बाप का नाम है। न रुपया है, तुम्हारी तरह। डेढ़ कमरे के मकान से यहां आया हूं। यहां के सियासतदानों को देखो, कइयों के मकान दिल्ली, लंदन और दुबई में हैं, उसके बावजूद वह बातें करते हैं।
मैं यूं ही राज्यपाल बनकर नहीं आया हूं
-राज्यपाल ने कहा कि मैं आज जहां हूं, अपनी प्रतिष्ठा से हूं और आप (उमर) जहां हैं, वहां अपनी प्रतिष्ठा की वजह से ही हैं। राज्यपाल ने कहा कि मैं यहां राजभवन में यूं ही राज्यपाल बनकर नहीं आया हूं। बीते 50 सालों के दौरान मैंने जो परिश्रम किया है, लोगों की सेवा की है, जो मेरी प्रतिष्ठा है, उसके कारण मैं राज्यपाल बना हूं।
अपनी टिप्पणी को सही बताया
राज्यपाल ने अपने पक्ष को सही ठहराते हुए कहा कि बेशक एक राज्यपाल होने के नाते मुझे इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, लेकिन मैंने यहां भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा से हताश और निराश होकर ही बयान दिया था। राज्यपाल ने कहा कि मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि मैं इन लोगों (भ्रष्ट नेताओं व नौकरशाहों) को पूरी तरह बेनकाब करने के बाद ही यहां से जाऊंगा।
स्थानीय सियासी हल्कों में राज्यपाल के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया शुरू हो गई है। सोमवार सुबह राज्यपाल ने कहा कि मेरी निजी भावना वही है जो मैंने कहा है। यहां बहुत से राजनीतिक नेता और वरिष्ठ नौकरशाह गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। इन्हीं लोगों के चलते यहां के ऐसे हालात हैं। इसके बावजूद यह लोग ऐसे बात करते हैं जैसे यहां के सुल्तान हों।