समझौते के बाद भी थम नहीं रहा लखीमपुर खीरी मामला, आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर जारी, जानें- किसने क्या कहा
लखीमपुर खीरी का मामला फिलहाल ठंडा होता दिखाई नहीं दे रहा है। इस मामले में लगातार विपक्ष राज्य सरकार पर आरोप लगा रहा है। हालांकि सोमवार को इस मामले में समझौता भी हो चुका है फिर भी मामला गरमाया हुआ है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। लखीमपुर खीरी मामला प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच हुए समझौते के बावजूद भी फिलहाल गरमाया हुआ है। इसको लेकर लगातार राजनीतिक बयानबाजी की जा रही है। गौरतलब है कि चार किसानों की मौत पर मचे हंगामे के बाद सोमवार को दोनों पक्षों में मुआवजे को लेकर एक समझौता हो गया था। इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम जिस राज्य में आजादी का अमृत महोत्सव माना रहे हैं, वहां पर ये सब हो रहा है, जहां पर न्याय से मुंह मोड़ा जा रहा है।
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने इस घटना की जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज से कराने की मांग की है। एएनआई से हुई बातचीत के दौरान उन्होंंने कहा कि इस घटना की जांच की जानी चाहिए, तभी सच सामने आ सकेगा। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि सरकार किसानों की आवाज को दबाने का काम कर रही है, लेकिन विपक्ष ऐसा होने नहीं देगा। हम सभी किसानों के साथ खड़े हैं। हम इसके समाधान के लिए कोई भी कदम उठाएंगे।
भाजपा के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर मामले के आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की अपील की है। उन्होंंने अपने ट्वीट में एक वीडियो को साझा करते हुए लिखा है कि लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ियों से जानबूझकर कुचलने का यह वीडियो किसी की भी आत्मा को झखझोर देगा। पुलिस इस वीडियो का संज्ञान लेकर इन गाड़ियों के मालिकों, इनमें बैठे लोगों, और इस प्रकरण में संलिप्त अन्य व्यक्तियों को चिन्हित कर तत्काल गिरफ्तार करे।
कांग्रेस की नेता और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर पर राज्य सरकार से पूछा है कि इस मामले में जनता की आवाज उठाने पर उन्हें और दूसरे विपक्षी नेताओं को तो हिरासत में ले लिया गया है लेकिन इस मामले के आरोपी को अब तक हिरासत में क्यों नहीं लिया गया है और मंत्री को अब तक क्यों बर्खास्त नहीं किया गया है। उन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि बिना किसी आदेश और एफआईआर के उन्हें हिरासत में रखा गया है। उन्होंने अपने ट्वीट में केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा है और कहा है कि इस देश को आजादी किसानों ने दिलवाई थी। देश की सीमाओं की सुरक्षा भी इन्हीं किसानों के बेटे कर रहे हैं। किसान महीनों से अपनी आवाज उठा रहा है। उन्होंने पीएम मोदी से लखीमपुर आने की अपील की है। साथ ही कहा है कि ये उनका कर्तव्य है कि जिस संविधान की उन्होंने शपथ ली है और जिन लोगों की सुरक्षा का उन्होंने बीड़ा उठाया है उसको पूरा करें।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर कहा है कि किसान शोक मना रहे हैं। इसलिए ये किसी भी महोत्सव को मनाने का समय नहीं है। अपने एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि आज अहंकारी भाजपा का विकृत रूप व चेहरा जनता के सामने किसानों की हत्या के रूप में आया है। भाजपा के समर्थकों के सिर भी शर्म से झुक गये हैं। अन्नदाता के हत्यारों का साथ देने का अपराधबोध उनके गले से एक निवाला भी नीचे उतरने नहीं दे रहा है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट कर कहा है कि इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। इससे राज्य सरकार और भाजपा का असली चेहरा भी सामने आ गया है।
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर मामले के आरोपियों को बचाने का आरेाप लगाया है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में पूछा है कि आप क्यों आरोपी को बचाने में लगे हैं। जबकि किसानों की आवाज उठाने वालों को हिरासत में लिया जा रहा है। उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया है। उन्होंने ये भी पूछा है कि इस मामले का आरोपी क्या भारत के किसानों से अधिक महत्वपूर्ण है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उत्तर प्रदेश की सरकार पर की निंदा करते हुए कहा है कि लखीमपुर में जो कुछ हुआ वो बेहद विभत्स है। इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। उन्होंने लिखा है कि वो इस घटना की और इसका विरोध करने पर विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिए जाने की घोर निंदा करते हैं।