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स्‍वच्‍छता के नाम पर पूर्व की सरकारें करती रहीं मजाक, नाम मात्र को होता था बजट आवंटन: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा है कि स्‍वच्‍छता के नाम पर पूर्व की सरकारों का नजरिया पूरी तरह से खराब रहा था। उनकी सरकार बनने के बाद इसको एक मिशन बनाया गया और इससे आम आदमी को जोड़ा गया।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 01:45 PM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 01:45 PM (IST)
स्‍वच्‍छता के नाम पर पूर्व की सरकारें करती रहीं मजाक, नाम मात्र को होता था बजट आवंटन: पीएम मोदी
भाजपा सरकार के केंद्र में आने के बाद स्‍वच्‍छता मिशन के लिए बड़ा बजट दिया गया।

नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को स्‍वच्‍छ भारत मिशन (शहरी) और AMRUT 2.0 AMRUT के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी है। इस मौके पर दिए अपने संबोधन में उन्‍होंने देशवासियों को स्‍वच्‍छता के प्रति आगाह किया साथ ही उन लोगों की भी सराहना की जो इसमें अपना योगदान देते आए हैं। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने इस मिशन के कई पहलुओं को छुआ।

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नई दिल्‍ली स्थित डाक्‍टर अंबेडेकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2014 में खुले में शौच को खत्‍म करने का लक्ष्‍य निर्घारित किया गया था। इसको दस करोड़ शौचालय बनाकर पूरा किया गया है। अब शहरों को कचरा मुक्‍त किया जाएगा। इसके अलावा सीवेज का बेहतरीन प्रबंधन और स्‍वच्‍छ पानी की सप्‍लाई करना है। इस अभियान में सबसे बड़े सहयोगी वो लोग हैं जो बदबू सहन करते हुए कचरा साफ करते रहे हैं। कोरोना काल में भी इन्‍होंने अपना पूरा योगदान दिया है। उन्‍होंने ये भी कहा कि ये योजना बापू की सोच से प्रेरित है। उन्‍होंने इस योजना और इसकी सफलता को महात्‍मा गांधी को समर्पित किया है।

इस मौके पर उन्‍होंने बाबा साहब भीम राव अंबेडकर का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि गांव से शहरों की तरफ आने वालों को यहां पर काम तो मिल जाता है लेकिन वो जिस माहौल में रहते हैं वो बेहद दयनीय है। स्‍वच्‍छ भारत मिशन का दूसरा चरण बाबा साहब के सपनों को पूरा करने की तरफ एक कदम है। उन्‍होंने का कि ये सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास पर आधारित है। अब इससे हर उम्र के लोग जुड़े हुए हैं। अब हर जिले के लोग चाहते हैं कि उनका शहर स्‍वच्‍छता रैंकिंग में आगे हो।

पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासी इलाकों में लोग बेहद कम संसाधनों में अपना काम पूरा करते है। वहां पर साफ सफाई का विशेष ध्‍यान रखा जाता है। गुजरात का सीएम रहते हुए भी लोगों को इस मिशन से जोड़ने का पूरा प्रयास किया गया है। इसके साथ ही गुजरात में पर्यटन भी बढ़ा। पहले और अब में काफी अंतर आ चुका है। अब घरों से कचरे को लेकर जाया जाता है और उसका वैज्ञानिक आधार पर निस्‍तारण किया जाता है। लोग गंदगी को लेकर एप पर जानकारी देते हैं। अब लोगों की सोच में बदलाव आ चुका है।

2014 से पहले करीब सात वर्षों में बेहद कम बजट आवंटित किया गया था, जबकि हमारे सरकार में आने पर 4 लाख करोड़ का बजट दिया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत हर रोज एक लाख टन कचरे का निस्‍तारण किया जा रहा है। पहले ये केवल 20 फीसद था जबकि आज ये 70 फीसद तक हो चुका है। अब इसको सौ फीसद तक लेकर जाना है। इसके लिए हर शहर को आगे आना होना और वहां पर आधुनिक तकनीक मुहैया करवानी होगी। शहरों में बने कचरे के पहाड़ों को खत्‍म किया जाएगा। दिल्‍ली में भी इस तरह का पहाड़ है जो हटने का इंतजार कर रहा है।

पीएम मोदी ने इस मौके पर ग्रीन जाब्‍स की भी बात कही। शहरों को साफ रखने में आधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल लगातार बढ़ रहा है। सरकार की नई स्‍क्रैप पालिसी का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि ये वेस्‍ट टू वैल्‍थ की तरफ तो है ही साथ ही ये देश से प्रदूषण को कम या खत्‍म करने में योगदान देगी। उन्‍होंने कहा कि हमें तय करना होगा कि कहीं से भी और कैसे भी गंदा पानी नदियों में न जाए।

स्‍वच्‍छ भारत मिशन के दूसरे चरण के तहत वर्ष 2030 के तय सतत विकास लक्ष्यों को पाने की तरफ आगे बढ़ा जाएगा। ये योजना मुख्‍य तौर पर ट्रिपल आर से जुड़ी है। जिसमें रिड्यूज, रीयूज और रीसाइकिल शामिल है। वैज्ञानिक आधार पर कचरे का समाधान कर इस लक्ष्‍य को पाने में सफलता हासिल हो सकती है। ये मिशन पूरी तरह से कागज रहित है और इसको डिजिटल आधार पर देश के सभी राज्‍यों और स्‍थानीय शहरी निकायों ने स्‍वीकृत किया है। पीएम मोदी ने कहा कि पीएम स्‍वनिधि योजना के तहत लाखों रेहड़ी वालों के अकांउट में अब तक करीब ढाई हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाए जा चुके हैं। यूपी और मध्‍य प्रदेश में सबसे अधिक रेहड़ी वालों को ऋण दिया गया है।

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